Gautam Adani Bribery Case: देश के दूसरे सबसे अमीर शख्स गौतम अडानी के खिलाफ न्यूयॉर्क की फेडरल कोर्ट में अभियोग दर्ज हुआ है। कोर्ट में दायर एक याचिका में गौतम अडानी, उनके भतीजे सागर अडानी और छह अन्य पर आंध्र प्रदेश सरकार के एक अधिकारी को कथित तौर पर रिश्वत देने का आरोप लगाया गया है। उस समय सत्ता में काबिज रही वाईसआर कांग्रेस पार्टी ने आरोपों को गलत बताया है।

इस मामले में अभियोग के मुताबिक, अडानी ने कथित तौर पर 1750 करोड़ रुपये का भुगतान किया। इसके बदले में एसईसी से सात गीगावाट सोलर एनर्जी खरीदने के लिए मंजूरी दी गई। इन सभी दावों पर प्रतिक्रिया देते हुए जगन मोहन रेड्डी की वाईएसआरसीपी ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर पोस्ट करते हुए कहा, ‘एपी डिस्कॉम और अडानी ग्रुप से संबंधित किसी भी अन्य संस्था के बीच कोई सीधा समझौता नहीं है। इसलिए, अभियोग के आलोक में राज्य सरकार पर लगाए गए आरोप गलत हैं।’

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वाईएसआरसीपी ने क्या बताया

समझौते की प्रक्रिया के बारे में पार्टी ने विस्तार से बताते हुए कहा, ‘आंध्र प्रदेश की वितरण कंपनियां एग्रीकल्चर सेक्टर को हर साल 12,500 एमयू फ्री बिजली की आपूर्ति करती है। इस मोर्चे पर सरकार उस बिजली से संबंधित आपूर्ति की लागत की सीमा तक वितरण मुआवजा देती है। आंध्र प्रदेश राज्य में पिछली सरकारों की नीतियों की वजह से ज्यादा टैरिफ पर पीपीए एग्जीक्यूट किए गए थे। इससे सब्सिडी की लागत आंध्र प्रदेश सरकार पर बहुत भारी पड़ रही थी। इस समस्या को कम करने के मकसद से आंध्र प्रदेश सरकार ने 2020 में आध्र प्रदेश राज्य में विकसित किए जाने वाले सोलर पार्कों में 10,000 मेगावाट सोलर कैपेसिटी लगाने का प्रस्ताव रखा।

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इसमें आगे कहा गया है कि इस संबंध में एपीजीईसीएल ने नवंबर 2020 में 6,400 मेगावाट बिजली की कुल सोलर एनर्जी के विकास के लिए एक टेंडर जारी किया था। इसमें 2.49 रुपये से 2.58 रुपये प्रति किलोवाट घंटे की सीमा में टैरिफ के साथ 24 से ज्यादा बोलियां मिलीं। हालांकि, टेंडर को कानूनी समेत कई समस्याओं का सामना करना पड़ा था। इसी वजह से वह कामयाब नहीं हो पाया। पार्टी ने आगे बताया कि तत्कालीन राज्य सरकार को भारत सरकार के इंटरप्राइजेज SECI से आईएसटीएस शुल्क की छूट समेत 2.49 रुपये प्रति किलोवाट घंटे की न्यूनतम दर पर 7,000 मेगावाट बिजली की आपूर्ति करने का प्रस्ताव मिला था।

राज्य सरकार पर लगाए गए आरोप गलत- वाईएसआरसीपी

इस बयान में आगे कहा गया कि आंध्र प्रदेश सरकार ने SECI से बिजली खरीदने के लिए एक समझौता किया। यह बताना जरूरी है कि SECI भारत सरकार का इंटरप्राइजेज है। एपी डिस्कॉम और अडानी ग्रुप से जुड़ी किसी भी अन्य इकाई के बीच कोई सीधा समझौता नहीं है। इसलिए अभियोग के मद्देनजर राज्य सरकार पर लगाए गए आरोप गलत हैं।