सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) के एक काफिले पर बुधवार को हुए आतंकवादियों के हमले में बीएसएफ ने एक आतंकवादी को मार गिराया। हमला ऊधमपुर में जम्मू-श्रीनगर राष्ट्रीय राजमार्ग पर हुआ। इस बीच हमले में शामिल दूसरा आतंकवादी मौके से भाग कर एक स्कूल परिसर में घुस गया और वहां उसने पांच लोगों को बंधक बना लिया।

लेकिन मौका मिलते ही बंधक बनाए लोगों ने इस आतंकवादी को दबोच लिया और बीएसएफ के जवानों के हवाले कर दिया। पकड़े गए लश्कर-ए-तैयबा के इस कथित आतंकवादी की पहचान नवेद के रूप में हुई है। शुरू में यह खुद को कासिम खान उर्फ उस्मान बता रहा था।

उधमपुर के उपायुक्त शाहिद इकबाल चौधरी ने बताया कि अभियान के दौरान एक स्कूल की इमारत से आतंकवादी को गिरफ्तार किया गया और बंधकों को छुड़ा लिया गया। उन्होंने कहा, ‘उसे उन्हीं लोगों ने पकड़ा जिन्हें उसने बंधक बना रखा था। कुछ वीडीसी सदस्यों के अलावा बंधक बनाए गए दो लोगों ने अभियान के दौरान उसकी गिरफ्तारी में मदद की।’ नस्सू-समरोली इलाके में हमले के बाद उस्मान भाग गया और पास के एक गांव की स्कूल की इमारत में पांच लोगों को उसने बंधक बना लिया।

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बंधक बनाए गए एक युवक राकेश कुमार ने बताया, ‘गोली की आवाज सुनने के बाद जैसे ही मैं अपने घर से बाहर आया, यह आतंकवादी आया और मुझे अपने साथ चलने के लिए कहा। वह पहले ही तीन-चार लोगों को अपने साथ ले चुका था।’

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एक अन्य बंधक विक्रमजीत ने कहा, ‘हमें बंदूक की नोक पर स्कूल ले जाया गया। उसने हमसे इलाके से भागने का रास्ता दिखाने को कहा। उसने धमकी दी कि उन्होंने उसे रास्ता नहीं दिखाया तो वह उनके परिवार को जान से मार डालेगा।’

देशराज, सुभाष शर्मा और जीवन जहां भागने में सफल रहे, वहीं विक्रमजीत और राकेश ने आतंकवादियों से मुकाबला किया और काफी संघर्ष के बाद उसे पकड़ लिया। विक्रमजीत ने कहा, ‘मैंने उसकी गर्दन पकड़ी और राकेश ने उसकी बंदूक। आतंकवादी ने कुछ गोलियां चलार्इं लेकिन हम बाल-बाल बच गए और उसे दबोच लिया।’

उपायुक्त ने बताया कि किस्मत से एम्स की मांग को लेकर चल रही हड़ताल के कारण स्कूल में कोई छात्र नहीं था। उन्होंने कहा कि आतंकवादी के पास से भारी मात्रा में हथियार और गोला-बारूद बरामद हुए हैं।