उत्तराखंड के पिथौरागढ़ में भारत तिब्बत सीमा पुलिस बल (ITBP) के जवानों ने मानवता की एक और मिसाल कायम की है। जवानों ने पिथौरागढ़ के एक स्थानीय निवासी के शव को आठ घंटे तक कंधों पर उठाकर 25 किलोमीटर दूर सड़क तक पहुंचाया। अग्रिम चौकी बुगदयार के पास सीमांत गांव स्युनी में एक स्थानीय 30 वर्षीय युवक की मृत्यु के बाद शव पड़े होने की सूचना आइटीबीपी की 14वीं वाहिनी को मिली। सूचना मिलते ही आईटीबीपी के जवानों ने उस जगह पर पहुंच कर शव को अपने कब्जे में लिया। तेज बारिश के कारण रास्ता वाहनों के लिए बंद था, जिसके बाद जवानों ने शव को कंधे पर रखकर मुख्य सड़क तक पहुंचाया।
मृतक पोनी पोर्टर का काम करता था। पत्थरों की चपेट में आने से उसकी मौत हो गई थी। रास्ता बंद होने के कारण शव मुनस्यारी तक लाने में दिक्कत हो रही थी, इसलिए मृतक के तीन बच्चों और पत्नी ने शव लाने के लिए आईटीबीपी से मदद मांगी थी। स्थानीय लोगों से वस्तुस्थिति समझने के बाद जवानों ने स्यूनी से लगभग 25 किलोमीटर दूर मुनस्यारी तक शव को स्ट्रेचर पर उठाकर पहुंचाया। आईटीबीपी जवानों का यह वीडियो सोशल मीडिया में जमकर वायरल हो रहा है और यूजर्स इनकी तारीफ कर रहे हैं।
#WATCH Uttarakhand: ITBP jawans carried the body of a local for 8 hrs & walked a distance of 25 kms to reach Munsyari from Syuni village, in remote area of Pithoragarh district, to hand it over to his family, on 30th Aug. The local had died due to shooting stones. (Source: ITBP) pic.twitter.com/KOuatrzAaV
— ANI (@ANI) September 2, 2020
न्यूज़ एजेंसी एएनआई द्वारा शेयर किए गए इस वीडियो में यूजर्स आईटीबीपी जवाहों को सलाम कर रहे हैं। एक यूजर ने लिखा “आईटीबीपी के जवान कितनी महनत करते हैं और सरकार यहां रोड भी नहीं बनवा सकती।” एक ने लिखा “कम से कम यहा मोटरसाइकल चलाई जा सकती है, या किसी जानवर की मदद से शव को लाया जा सकता था। जवानों को सलाम।”
बता दें शव को लाते वक़्त 8 जवानों ने बारी-बारी से शव को कांधा देकर इसे पहले वाहन चलने योग्य सड़क और फिर मृतक के परिजनों तक पहुंचाया। इसके बाद मृतक का अंतिम संस्कार मृतक के गांव बंगापनी में किया गया।