खदीजा खान

IT Dept Surveys BBC: इनकम टैक्स विभाग ने मंगलवार (14 फरवरी, 2023) को ब्रिटिश ब्रॉडकास्टिंग कॉरपोरेशन (बीबीसी) के दिल्ली और मुंबई स्थिति परिसर का सर्वे किया। आयकर (आई-टी) सर्वे क्या है और यह छापे से कैसे अलग है? यहां समझते हैं।

बीबीसी कार्यालय में किस कानून के तहत किए जा रहे सर्वे

बीबीसी के कार्यालयों में सर्वे आईटी (I-T) अधिनियम, 1961 के विभिन्न प्रावधानों, जैसे धारा 133A के तहत किए जा रहे हैं, जो आईटी (I-T) विभाग को छिपी हुई जानकारी एकत्र करने के लिए सर्वे करने की शक्ति देता है। 1964 में किए गए एक संशोधन के माध्यम से सर्वे के प्रावधान को अधिनियम में शामिल किया गया था।

धारा 133ए एक अधिकृत अधिकारी को खाते की पुस्तकों या अन्य दस्तावेजों, नकदी, स्टॉक या अन्य मूल्यवान वस्तु या वस्तु को सत्यापित करने के लिए अपने अधिकार क्षेत्र के भीतर व्यवसाय या पेशे या धर्मार्थ गतिविधि के किसी भी स्थान में प्रवेश करने की अनुमति देता है, जो किसी के लिए उपयोगी या प्रासंगिक हो सकता है।

इस एक्ट के तहत एक आई-टी प्राधिकरण सर्वे के दौरान किसी नकदी, स्टॉक या अन्य क़ीमती सामान की एक सूची बना सकता है। साथ ही बयान भी दर्ज कर सकता है। I-T प्राधिकरण किसी भी किताब या अन्य दस्तावेजों को ज़ब्त भी कर सकता है।

I-T सर्च क्या है?

I-T सर्च को आमतौर पर छापा कहा जाता है, लेकिन ‘छापे’ शब्द को आयकर अधिनियम में कहीं भी परिभाषित नहीं किया गया है। हालांकि, ‘सर्च’ को अधिनियम की धारा 132 के तहत परिभाषित किया गया है। इस धारा के तहत, I-T विभाग किसी भी इमारत में प्रवेश करके और उसकी तलाशी लेकर निरीक्षण कर सकती है। जहां यह भरोसा हो कि किसी के पास अघोषित आय, सोना जैसी संपत्ति हो। आई-टी सर्च तब भी की जा सकती है जब “कोई भी व्यक्ति जिसे सम्मन या नोटिस जारी किया गया है या जारी किया जा सकता है, वह खाते की कोई भी किताब या अन्य दस्तावेज पेश नहीं करेगा करेगा।

सर्च और सर्वे में क्या अंतर है?

आमतौर पर लोग बोलचाल की भाषा में छापे शब्द का प्रयोग करते हैं। जबकि सर्च एक सर्वे की तुलना में अधिक गंभीर कार्यवाही है। सर्च को धारा 132 के तहत परिभाषित किया गया है, इसके अनुसार, प्राधिकृत अधिकारी का अधिकार क्षेत्र कहीं भी हो सकता है और तलाशी ले सकता है।
जबकि, धारा 133ए(1) के तहत सर्वे किया जाता है। इसके अनुसार संबंधित अधिकारी सौंपे गए सीमा क्षेत्र के भीतर ही सर्वे कर सकता है।

सर्वे केवल व्यावसायिक दिनों में काम के घंटों के दौरान किया जा सकता है, जबकि तलाशी (सर्च) सूर्योदय के बाद किसी भी दिन हो सकती है और प्रक्रिया पूरी होने तक जारी रह सकती है। सर्वे का दायरा किताबों के निरीक्षण और नकदी और इन्वेंट्री के सत्यापन तक सीमित है, जबकि तलाशी (सर्च) पुलिस की मदद से पूरे परिसर का निरीक्षण अघोषित संपत्ति को उजागर करने के लिए किया जा सकता है।

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