चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव पर चंद्रयान-3 की सफल लैंडिंग के बाद भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान (ISRO) ने शनिवार को अपने पहले सूर्य मिशन को सफलतापूर्वक लॉन्च किया। ISRO का आदित्य एल1 अंतरिक्ष यान सूर्य की 125 दिन की अपनी यात्रा पर रवाना हो चुका है। इसके साथ इसरो अब अपने अगले मिशन की तैयारी में जुट गया है। इसरो का अगला मिशन क्या होगा? इस बात की जानकारी केंद्रीय मंत्री जितेंद्र सिंह ने शनिवार को आदित्य एल1 के सफल प्रक्षेपण के बाद दी।

केंद्रीय विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी राज्यमंत्री जितेंद्र सिंह ने कहा, ‘अगला कदम गगनयान के पहले परीक्षण उड़ान को शुरू करना होगा। उन्होंने कहा कि यह उड़ान अक्टूबर के महीने में हो सकती है। सिंह ने कहा कि आदित्य-L1 के सफल प्रक्षेपण से पता चलता है कि भारत अंतरिक्ष के क्षेत्र में एक प्रमुख खिलाड़ी बन रहा है।’

जितेंद्र सिंह ने कहा, ‘यह भारत के लिए एक सुखद क्षण है। और दूसरी बात, चंद्रयान की तरह यहां भी पूरा देश इससे (आदित्य एल 1 मिशन से) जुड़ा हुआ था और यह संभव हो पाया है क्योंकि प्रधानमंत्री मोदी ने श्रीहरिकोटा के द्वार खोल दिए हैं। उन्होंने इन सभी हितधारकों को एक साथ लाया है, उन्हें एहसास कराया है कि यह मिशन पूरे भारत का है।’

गगनयान अंतरिक्ष में इसरो का पहला मानव मिशन है। इसरो के इस पहले मानव मिशन के तहत तीन लोगों के दल को 400 किमी (250 मील) की कक्षा में लॉन्च करने की योजना है, जहां वे तीन दिनों तक रुकेंगे। इसरो ने कहा है कि उसके विक्रम साराभाई अंतरिक्ष केंद्र ने क्रू मॉड्यूल को स्थिर करने और पुन: प्रवेश के दौरान इसके वेग को सुरक्षित रूप से कम करने के लिए सिस्टम का सफलतापूर्वक परीक्षण कर लिया है।

सिंह ने इस साल की शुरुआत में कहा था किगगनयान मिशन के लिए लगभग 90.23 अरब रुपये आवंटित किए गए हैं। इसरो का कहना है कि गगनयान मिशन के सफलतापूर्वक पूरा होने के बाद वह अंतरिक्ष में निरंतर मानव उपस्थिति हासिल करने पर ध्यान केंद्रित करेगा। हालांकि, इसरो ने आधिकारिक तौर पर गगनयान के लिए लॉन्चिंग की तारीख घोषित नहीं की है, लेकिन भारतीय अंतरिक्ष एजेंसी ने पहले ही कहा था कि यह मिशन 2023 के आखिरी तक तैयार हो जाएगा।