संसद में गुरुवार को सरकार ने बताया है कि 1975 के बाद से अब तक इसरो ने कुल 342 विदेशी सैटेलाइट अंतरिक्ष में भेजे हैं। राज्यसभा में एक सवाल के जवाब में केंद्र सरकार की ओर से ये जानकारी दी गई है।
केंद्रीय विज्ञान और प्रौद्योगिकी राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) जितेंद्र सिंह ने कहा कि भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन ने 129 देसी उपग्रह और 36 देशों से संबंधित 342 विदेशी उपग्रहों को 1975 से लॉन्च किया है। कुल विदेशी उपग्रहों में से 39 वाणिज्यिक उपग्रह हैं और शेष नैनो-उपग्रह हैं।
इसके अलावा जितेंद्र सिंह ने राज्यसभा में एक लिखित उत्तर में कहा कि भारत के पास अंतरिक्ष में कुल 53 ऑपरेशनल सैटेलाइट हैं, जो देश को विभिन्न सेवाएं प्रदान करते हैं। इनमें से कुल 21 संचार उपग्रह हैं, आठ नेविगेशन उपग्रह हैं, 21 अर्थ ऑब्जर्वेशन सैटेलाइट हैं और तीन विज्ञान उपग्रह हैं।
इन उपग्रहों से प्राप्त डेटा का उपयोग देश के विभिन्न क्षेत्रों के सेवाओं के लिए किया जा रहा है। इनमें टेलीविजन प्रसारण, डायरेक्ट-टू-होम, एटीएम, मोबाइल संचार, टेली-एजुकेशन, टेली-मेडिसिन, मौसम की जानकारी, कीट संक्रमण, कृषि-मौसम विज्ञान और संभावित मछली पकड़ने के क्षेत्र शामिल हैं।
जितेंद्र सिंह ने कहा- “सैटेलाइट डेटा का उपयोग फसल उत्पादन अनुमान, फसल गहनता और कृषि सूखा मूल्यांकन, बंजर भूमि सूची, भूजल संभावित क्षेत्रों की पहचान, अंतर्देशीय जलीय कृषि उपयुक्तता और आपदा जोखिम में कमी के लिए भी किया जाता है।”
केंद्रीय मंत्री ने बताया कि इसरो के पास आगे और अधिक उपग्रहों को लॉन्च करने की योजना है। इससे पहले जितेंद्र सिंह ने लोकसभा में कहा था कि स्टार्टअप इंडिया पोर्टल में अंतरिक्ष प्रौद्योगिकी श्रेणी के तहत लगभग 75 स्टार्ट-अप पंजीकृत हैं। इसके अलावा मंत्री ने कहा कि सरकार विदेशी निवेशकों द्वारा अंतरिक्ष क्षेत्र में निवेश को बढ़ावा देने के लिए एफडीआई की अनुमति देने की योजना बना रही है।
केंद्रीय मंत्री जितेंद्र सिंह ने लोकसभा में कहा था कि अंतरिक्ष गतिविधियों में निजी क्षेत्र की भागीदारी की सुविधा के लिए, अंतरिक्ष विभाग मौजूदा स्पेस नीतियों को संशोधित कर रहा है। उन्होंने कहा कि स्पेसकॉम, रिमोट सेंसिंग, प्रौद्योगिकी हस्तांतरण, नेविगेशन जैसे विभिन्न अंतरिक्ष क्षेत्रों के लिए नई नीति तैयार की जा रही है।