भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन यानी ISRO ने आज मौसम की सटीक जानकारी देने वाला एक सैटेलाइट लॉन्च कर दिया है। मौसम उपग्रह इनसेट4 डीएस आंध्र प्रदेश के श्रीहरिकोटा स्थित सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र से लॉन्च किया गया है। इनसैट-3 डीएस सैटेलाइट भूस्थैतिक कक्षा में स्थापित किए जाने वाले तीसरी जनरेशन के मौसम विज्ञान सैटेलाइट का अनुवर्ती मिशन है जिसके लिए पृथ्वी विज्ञान मंत्रालय द्वारा पूरी तरह से फंडिग दी गई है।
इसके पहले एक जनवरी को PSLV-सी58/एक्सपोसैट मिशन के सफल लॉन्चिंग के बाद 2024 में इसरो का यह दूसरा अहम मिशन है। इसके पहले इस सीरीज के आखिरी सैटेलाइट INSAT-3DR को 8 सितंबर 2016 को लॉन्च किया गया था। इनसैट-3 डीएस क्रियान्वित होने के बाद यह पृथ्वी विज्ञान मंत्रालय के तहत विभिन्न विभागों-भारतीय मौसम विज्ञान विभाग (आईएमडी), राष्ट्रीय समुद्र प्रौद्योगिकी संस्थान (एनआईओटी), राष्ट्रीय मध्यम अवधि मौसम पूर्वानुमान केंद्र और भारतीय राष्ट्रीय समुद्र सूचना सेवा केंद्र को अपनी सर्विसेज देगा। सैटेलाइट को अंतरिक्ष में लेकर जो रॉकेट गया है उसकी लंबाई 51.7 मीटर है।
मिशन के उद्देश्य की बात करें तो इनसैट 3डी और इनसैट 3डीआर को उन्नत मौसम संबधी जानकरियों के लिए सेवा देगा। यह सैटेलाइट मौसम पूर्वानुमान , भूमि एवं महासागरीय सतहों की निगरानी कर आपदा संबंधी चेतावनियां देना। उपग्रह सहायता अनुसंधान और बचाव सेवाएं भी देगा।
जानकारी के मुताबिक यह सैटेलाइट 170KM पेरीजी और 36647 KM एपोजी वाली अंडाकार जीटीओ कक्षाओं चक्कर लगाएगा। इसका कुल वजन करीब 2274 किलोग्राम है। इसमें 6 चैनल इमेजर हैं और 19 चैनल साउंडर मेटियोरोलॉजी पेलोड्स मौजूद हैं। यह अपने पुराने सैटेलाइट 3डी और 3डीआर के साथ मिलकर मौसम की सटीक जानकारी उपलब्ध कराएगा।
इनसैट3 सीरीज के सैटेलाइट 6 अलग-अलग जियोस्टेशनरी सैटेलाइट्स अभी अंतरिक्ष में मौजूद हैं और आज इस सीरीज का सातवां सैटेलाइट छोड़ा गया है। इस सीरीज के पहले की सभी सैटेलाइट्स साल 2000-2004के बीच लॉन्च किए गए थे, उनसे संचार टीवी ब्रॉडकास्ट और मौसम की जानकारियां पहले भी मिल रही थी।