Aditya L1 Mission: चंद्रयान-3 मिशन की सफलता के बाद इसरो अपना पहला सूर्य मिशन लॉन्च करने की तैयारी में जुट गया है। 2 सितंबर को सुबह 11 बजकर 50 मिनट पर श्रीहरिकोटा स्पेस सेंटर से आदित्य एल-1 मिशन को लॉन्च किया जाएगा। आदित्य एल-1 मिशन के तहत इसरो सूरज से निकलने वाली किरणों का अध्ययन करेगा। आदित्य एल-1 को पृथ्वी और सूरज के बीच स्थित एल-1 प्वाइंट में रखा जाएगा। एल-1 प्वाइंट पर पृथ्वी और सूर्य के गुरुत्वाकर्षण में फंसकर सूर्ययान कम ईंधन में अधिक जानकारी जुटा पाएगा। सूरज से निकलने वाली किरणों की आदित्य एल-1 में लगे 7 पेलोड्स जांच करेंगे।

आदित्य एल-1 सूरज के कोरोना से निकलने वाली गर्मी और गर्म हवाओं अध्ययन करेगा और सूरज की किरणों का ओजोन लेयर पर क्या प्रभाव पड़ता है इसका भी पता लगाएगा। आदित्य एल-1 सौर वायुमंडल को समझने का प्रयास भी करेगा। सौर तूफानों के आने की वजह, सौर लहरों और उनका धरती के वायुमंडल पर क्या असर होता है इसका भी पता लगाएगा।

अब तक कौन-कौन से देश भेज चुके हैं सूर्य मिशन?

भारत पहली बार सूर्य मिशन लॉन्च कर रहा है। भारत से पहले 22 मिशन सूर्य पर भेजे जा चुके हैं। सूर्य का अध्ययन करने के लिए अमेरिका, जर्मनी, यूरोपियन स्पेस एजेंसी शामिल है। बता दें कि सूर्य का अध्ययन करने के लिए सबसे अधिक सूर्य मिशन नासा ने भेजे हैं। नासा ने अकेले 14 सूर्य मिशन भेजे हैं। यूरोपियन स्पेस एजेंसी ने भी नासा के साथ मिलकर 1994 में सूर्य मिशन भेजा था। नासा ने 2001 में जेनेसिस मिशन लॉन्च किया था। इस मिशन का मकसद सूरज के चारों तरफ चक्कर लगाते हुए सौर हवाओं का सैंपल लेना था।

कितना दूर है एल-1 प्वाइंट

धरती और सूरज के बीच में कुल पांच ऐसे प्वाइंट चिन्हित किए गए है जहा पर स्पेस क्राफ्ट को रखकर सूरज से निकलने वाले किरणों का अध्ययन किया जाता है। इस एल-1 प्वाइंट को लैरेंज बिंदु भी कहते है। बता दें कि सूरज से सबसे नजदीक एल-1 प्वाइंट है जहा पर अपना सूर्ययान जा रहा है। धरती से एल-1 प्वाइंट की दूरी तकरीबन 15 लाख किलोमीटर है। वहीं सूरज से एल-1 की दूरी करीब 14 करोड़ 85 लाख किमी है। लैरेंज प्वाइंट 1 सूरज और धरती की कुल दूरी का मात्र एक फीसदी ही है।

आदित्य एल-1 में कितने पेलोड्स लेकर जा रहा है?

आदित्य एल-1 में कुल 7 पेलोड्स लगे हुए है। आदित्य एल-1 में लगा विजिबल एमिशन लाइन करोनाग्राफ (VELC) पेलोड कोरोना का प्रतिबिंबन निकालने और स्पेक्ट्रोस्कोपी करने में सक्षम है। सोलर अल्ट्रावायलेट इमेजिंग टेलिस्कोप (SUITE) पेलोड फोटोस्फेरे और क्रोमोस्फेरे से निकलने वाली किरणों का अध्ययन करेगा। आदित्य सोलर विंड पार्टिकल एक्सपेरिमेंट पेलोड सौर दिशाओं के साथ सौर पवन का अध्ययन करेगा। बता दें कि यह सा भी पेलोड स्वदेशी बनाये गए है।