ISRO EOS-8 Mission: चंद्रयान-3 की सफलता के बाद से इसरो के वैज्ञानिक लगातार नए-नए मिशन्स पर काम कर रहे हैं। भारत ऐसा करने वाला पहला देश बना था। इस मिशन के बाद से इसरो अंतरिक्ष से जुड़े तमाम रहस्यों को सुलझाने के लिए मिशन लॉन्च कर रहा है। आने वाले वर्षों में ऐसे कई मिशन लॉन्च किए जाने हैं। इस बीच इसरो ने बुधवार को बताया है कि 15 अगस्त को स्पेस एजेंसी देश को अहम गिफ्ट देने वाली है। इसरो ने बताया कि वह 15 अगस्त को आंध्र प्रदेश के श्रीहरिकोटा से EOS-8 सैटेलाइट लॉन्च करेगा। इस मिशन का उद्देश्य देश और दुनियाभर में आपदाओं का अवलोकन करना और अलर्ट करना शामिल है।

इसरो ने जानकारी दी है कि ईओएस 8 सैटेलाइट को 15 अगस्त के दिन आंध्र प्रदेश के श्रीहरिकोटा से प्रक्षेपित किया जाएगा। इसरो ने एक बयान में बताया है कि ईओएस 8 मिशन के प्राथमिक उद्देश्यों में सूक्ष्म उपग्रह का डिजाइन तैयार करना और पेलोड उपकरण बनाना तथा भविष्य उपग्रहों के लिए आवश्यक नई प्रौद्योगिकियों को शामिल करना है।

क्या हैं मिशन की बारीकियां

इसरो ने बताया है कि 15 अगस्त 2024 को सुबह 09:17 बजे श्रीहरिकोटा से ईओएस 08 माइक्रोसैटेलाइट लॉन्च किया जाएगा। यह सैटेलाइट एसएसएलवी विकास परियोजना के अंतर्गत आती है और भारतीय उद्योग और न्यूजस्पेस इंडिया लिमिटेड द्वारा परिचालित मिशन है।

ईओएस-08 में तीन पेलोड हैं। इलेक्ट्रो ऑप्टिकल इन्फ्रारेड, ग्लोबल नेविगेशन सैटेलाइट सिस्टम रिफ्लेक्टोमेट्री पेलोड, और सीआईसी, यूवी डोसीमीटर, इसरो ने कहा है कि सैटेलाइट एसएसएलवी-डी3/आईबीएल358 लॉन्च वाहन के साथ इंटरफेस करता है। इसमें मिड वेव आईआएर, एमआईआर और लॉन्ग वेव बैंड हैं। इसमें EOIR दिन और रात में मिड और लॉन्ग वेव की इंफ्रारेड तस्वीरें लेने की पूरी क्षमता है।

इसरो ने बताया है कि मिशन का उद्देश्य देश और दुनिया को आपदा का अलर्ट देना है। यह आपदा निगरानी से लेकर पर्यावरण निगरानी, आग का पता लगाने, ज्वालामुखी गतिविधि जैसी गतिविधियों का अवलोकन करेगा और अलर्ट देगा। मिशन को दिन और रात दोनों समय काम करने के लिए बनाया गया है।

इसमें DOIOR की मदद से इंफ्रारेड तस्वीरें खींचने की क्षमता है। इन तस्वीरों से देश दुनिया की आपदा की जानकारी मिल सकेगी। आपदाओं में जैसे जंगल में आग लगना, ज्वालामुखी विस्फोट की घटनाएं, समुद्र में हलचल, समुद्री सतह, हवा का विश्लेषण मिट्टी की नमी और बाढ़ का पता लग सकेगा।