Chandrayaan-2 Vikram Lander Updates: इसरो ने एक ट्वीट में कहा, ‘‘लैंडर के साथ संपर्क स्थापित करने के लिए हरसंभव कोशिश की जा रही है। ’’ इस अभियान से जुड़े इसरो के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा, ‘‘आर्बिटर कैमरा की तस्वीरों से यह प्रर्दिशत होता है कि लैंडर विक्रम चंद्रमा की सतह पर साबुत अवस्था में है, वह टूट कर नहीं बिखरा है। यह झुकी हुई अवस्था में है। यह अपने चार पैरों पर खड़ा नहीं है, जैसा कि यह सामान्यत: रहता है।’’ इसरो की ओर से जारी एक रिपोर्ट बताया गया है कि चांद पर इस वक्त माइनस 200 डिग्री तापमान है, जिससे विक्रम लैंडर को खतरा हो सकता है।
बता दें कि अमेरिका, रूस के बाद चीन चांद पर सॉफ्ट लैंडिंग कराने वाला तीसरा देश है। उसने 2013 में उसने अपना पहला अंतरिक्ष यान चांग’ई-3 चांद पर उतारा था।
चंद्रयान-2 मिशन के लिए पाकिस्तान की पहली महिला अंतरिक्ष यात्री नमिरा सलीम ने भारत और इसरो को बधाई दी है। सलीम ने कहा, ‘चंद्रमा पर लैंडिंग का प्रयास करना ही अपने आप में दक्षिण एशिया के साथ ही पूरे वैश्विक अंतरिक्ष उद्योग के लिए एक ‘बड़ी छलांग है।’
भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) चंद्रयान-2 के ‘लैंडर’ विक्रम से शीघ्र संपर्क साध कर उसमें मौजूद ‘रोवर’ प्रज्ञान को उपयोग में लाने के लिए हर संभव कोशिश कर रहा है। ‘लैंडर’ विक्रम के चंद्रमा की सतह पर शनिवार तड़के ‘सॉफ्ट लैंडिंग’ करने के दौरान आखिरी क्षणों में उसका इसरो के जमीनी स्टेशनों से संपर्क टूट गया था। उस वक्त विक्रम पृथ्वी के प्राकृतिक उपग्रह (चंद्रमा) से महज 2.1 किमी ऊपर था। ‘लैंडर’ विक्रम के अंदर ‘रोवर’ प्रज्ञान भी है।
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इसरो के चंद्रयान-2 की तरह ही यूरोपियन स्पेस एजेंसी (ESA) का भी अपने यान से ऐसे ही संपर्क टूट गया गया था लेकिन 12 साल बाद उसके बारे में जानकारी मिली थी। चंद्रयान-2 पर चर्चाओं के बीच इसरो के प्रमुख के सिवन की लोकप्रियता में भी इजाफा हुआ है। इसके साथ ही उनके नाम पर बने ट्विटर अकाउंट फॉलोअर्स की संख्या भी बढ़ी है, लेकिन इसरो ने साफ किया है कि इनमें से एक भी अकाउंट्स उनका नहीं है। सिवन के फेक ट्विटर अकाउंट के संदर्भ में इसरो ने स्पष्ट करते हुए कहा कि वो किसी भी सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर हैं ही नहीं।
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इस बीच, चंद्रयान-2 अभियान ने आर्बिटर के मामले में इसरो के लिए अच्छे परिणाम लाए हैं। 2,379 किग्रा वजन के आर्बिटर का जीवनकाल एक साल के लिए डिजाइन किया गया था लेकिन अब वह करीब सात साल काम करने में सक्षम होगा। इसरो के एक अधिकारी ने कहा, ‘‘आर्बिटर में पर्याप्त ईंधन उपलब्ध है। चंद्रमा की कक्षा में प्रवेश तक हमारे समक्ष कोई समस्या नहीं आई। जो अतिरिक्त ईंधन डाला गया था उसका इस्तेमाल नहीं हुआ है। हर चीज योजना के मुताबिक हुई। हमारे पास (आर्बिटर में) अतिरिक्त ईंधन उपलब्ध है। ’’
चंद्रयान 2 के रोवर को हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड ने बनाया था। उसने 2015 में ही बनाकर इसरो को सौंप दिया था। इसके साथ विक्रम लैंडर की शुरुआती डिजाइन इसरो के स्पेस एप्लीकेशन सेंटर अहमदाबाद ने बनाया था।
भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) में टेक्नीशियन और अन्य पदों पर भर्तियां चल रही हैं।
चंद्रयान 2 को उतारने वाला भारत दुनिया का पहला देश है और इसरो दुनिया की पहली स्पेस एजेंसी है, जिसने चांद के दक्षिणी ध्रुव पर अपना यान पहुंचाया है। बता दें कि इससे पहले ऐसा किसी भी देश ने नहीं किया है।
बेंगलुरू स्थित भारतीय अंतरिक्ष एजेंसी ने मंगलवार (10 सितंबर) को एक बार फिर से इस बात की पुष्टि की कि चंद्रयान-2 आर्बिटर में लगे कैमरों के जरिए लैंडर (विक्रम) का चंद्रमा की सतह पर पता लगा लिया गया है। आर्बिटर अपनी निर्धारित कक्षा में चंद्रमा की परिक्रमा कर रहा है।
आडिशा के रेत कलाकार सुदर्शन पट्टनायक ने भी एसरो को बधाई दी है। देखें तस्वीरें।
आडिशा के रेत आर्टिस्ट सुदर्शन पट्टनायक ने भी दी बधाई। देखें तस्वीरें।
इसरो ने कहा कि विक्रम लैंडर की लोकेशन का चंद्रयान-2 के ऑर्बिटर ने पता लगा लिया है, लेकिन अब तक उससे संपर्क नहीं हो सका है।
ISRO ने Vikram Lander को बताया कि चंद्रयान 2 के ऑर्बिटर के जरिए लैंडर 'विक्रम' मिल चुका है लेकिन उससे सम्पर्क नहीं स्थापित हो पाया है।
बता दें कि इसरो ने महज 35 घंटे में ही विक्रम लैंडर को खोज निकाला।
चंद्रयान-2 पर चर्चाओं के बीच इसरो के प्रमुख के सिवन की लोकप्रियता में भी इजाफा हुआ है। इसके साथ ही उनके नाम पर बने ट्विटर अकाउंट फॉलोअर्स की संख्या भी बढ़ी है, लेकिन इसरो ने साफ किया है कि इनमें से एक भी अकाउंट्स उनका नहीं है। सिवन के फेक ट्विटर अकाउंट के संदर्भ में इसरो ने स्पष्ट करते हुए कहा कि वो किसी भी सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर हैं ही नहीं।
भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) ने 2,379 किलोग्राम वजनी ऑर्बिटर का मिशन काल एक साल तय किया था, लेकिन अब यह लगभग सात साल तक काम कर सकता है।इसरो के एक अधिकारी ने कहा, ‘ऑर्बिटर में पर्याप्त ईंधन मौजूद है। यान को चांद की कक्षा में प्रवेश कराने तक हमने किसी त्रुटि का सामना नहीं किया। अतिरिक्त ईंधन का बिलकुल भी इस्तेमाल नहीं किया गया। हर चीज योजना के अनुरूप हुई। हमारे पास (ऑर्बिटर में) अतिरिक्त ईंधन मौजूद है।’
छत्तीसगढ़ के कांग्रेस नेता अमरजीत भगत ने चंद्रयान-2 के 'असफल' बताया है। इसका सीधा जिम्मेदार पीएम मोदी को ठहराया है।
भारतीय अंतरिक्ष एजेंसी लैंडर से संपर्क साधने की 14 दिन तक कोशिश करेगी। उन्होंने रविवार (08 सितंबर) को लैंडर की तस्वीर मिलने के बाद यह बात एक बार फिर से दोहराई।अंतरिक्ष एजेंसी के एक अधिकारी ने कहा, ‘जब तक (लैंडर में) सबकुछ सही नहीं होगा, यह (दोबारा संपर्क स्थापित करना) बहुत मुश्किल है। संभावनाएं कम हैं। अगर ‘सॉफ्ट लैडिंग’ हुई हो और सभी प्रणालियां काम कर रही हों, तभी संपर्क स्थापित किया जा सकता है। फिलहाल उम्मीद कम है।’
लैंडर ‘विक्रम’ का अंतिम समय में जमीनी स्टेशन से संपर्क टूटने तक ‘चंद्रयान-2’ मिशन के त्रुटिरहित एवं सटीक प्रक्षेपण तथा शानदार प्रबंधन ने इसरो को ‘ऑर्बिटर’ के मोर्चे पर अत्यंत गौरवान्वित किया है। यह बात अंतरिक्ष एजेंसी के एक अधिकारी ने कही। भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) ने 2,379 किलोग्राम वजनी ऑर्बिटर का मिशन काल एक साल तय किया था, लेकिन अब यह लगभग सात साल तक काम कर सकता है।
नागपुर पुलिस ने फिल्म शोले के एक मशहूर संवाद का इस्तेमाल करते हुए एक और ट्वीट साझा कर इसरो के ऐतिहासिक मिशन चंद्रयान-2 की सराहना की है। इस ट्वीट में कहा गया, ‘दूसरों ने कितने अटेंप्ट किये...सरदार 9...और इसरो ने...सरदार एक। दूसरों ने 9 और इसरो ने 1..फिर भी इतनी सक्सेस मिल गई। बहुत गर्व की बात है ये।’
भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) ने अभी उम्मीद नहीं छोड़ी है। वह ‘चंद्रयान-2’ के लैंडर ‘विक्रम’ से संपर्क स्थापित करने की हरसंभव कोशिश कर रहा है, जो ‘हार्ड लैडिंग’ के बाद इस समय चंद्रमा की सतह पर है।
चीन के लोगों ने भारत के दूसरे चंद्र मिशन से जुड़े वैज्ञानिकों की इंटरनेट पर काफी सराहना की है। उन से उम्मीद न छोड़ने तथा ब्रह्मांड में खोज जारी रखने को कहा है। यह बात सोमवार (09 सितंबर) को यहां आधिकारिक मीडिया ने कही।
इसरो ने सोमवार (09 सितंबर) को कहा कि उसके अध्यक्ष के. सिवन का सोशल मीडिया पर अकाउंट नहीं है। सिवन के नाम पर कुछ सोशल मीडिया अकाउंट सामने आने के बाद अंतरिक्ष एजेंसी ने यह स्पष्टीकरण दिया है। इसरो ने एक बयान में कहा कि यह उल्लेख किया जाता है।
इसरो का बयान- इसरो के एक अधिकारी ने सोमवार को कहा कि ‘चंद्रयान-2’ का लैंडर ‘विक्रम’ चांद की सतह पर साबुत अवस्था में है और यह टूटा नहीं है। हालांकि, ‘हार्ड लैंडिंग’ की वजह से यह झुक गया है तथा इससे पुन: संपर्क स्थापित करने की हरसंभव कोशिश की जा रही है।
चंद्रयान-2 के लैंडर विक्रम पर इसरो के अधिकारी ने कहा कि लैंडिंग के दौरान विक्रम गिरकर तिरछा चांद की सतह पर पड़ा है। वह टूटा नहीं है। सिंगल पीस में है।
इसरो ने ट्वीट कर कहा कि यह देखा गया है कि कैलासवादु सिवन के नाम से कई अकाउंट सोशल मीडिया पर चल रहे हैं। यह स्पष्ट करना है कि इसरो के अध्यक्ष डॉ के सिवन का कोई व्यक्तिगत अकाउंट नहीं है।
इसरो का बड़ा बयान आया है जिसमें कहा गया है कि चांद पर विक्रम लैंडर सुरक्षित है वह गिरकर भीं नहीं टूटा है।
कुछ वैज्ञानिकों का अनुमान है कि शायद 'हार्ड-लैंडिंग' में विक्रम को नुकसान हुआ हो। कहा जा रहा है कि ज्यादा तेज ब्रेक लगने के कारण विक्रम अनियंत्रित हो गया और उससे संपर्क टूट गया।
अंतरिक्ष विशेषज्ञ अजय लेले ने कहा, ‘‘लैंडर मॉड्यूल की स्थिति बिना किसी संदेह के साबित करती है कि ऑर्बिटर बिल्कुल सही तरीके से काम कर रहा है। ऑर्बिटर मिशन का मुख्य हिस्सा था क्योंकि इसे एक साल से ज्यादा वक्त तक काम करना है।’’ उन्होंने कहा कि ऑर्बिटर के सही ढंग से काम करने से मिशन के 90 से 95 फीसदी लक्ष्य हासिल कर लिए जाएंगे।
अजय लेले ने कहा- इसरो द्वारा रविवार को चंद्रयान-2 के विक्रम मॉड्यूल की स्थिति की जानकारी देना ‘‘नि:संदेह साबित करता है’’ कि ऑर्बिटर सही से काम कर रहा है। रक्षा अध्ययन एवं विश्लेषण संस्थान के वरिष्ठ शोधार्थी लेले ने यह भी कहा कि यह महज वक्त की बात थी कि ऑर्बिटर विक्रम को कब तक खोज पाता है लेकिन अब सवाल यह है कि लैंडर किस स्थिति में है।