भारतीय मूल के लेखक सलमान रुश्दी पर हुए हमले को लेकर एक निजी टीवी चैनल पर चल रही डिबेट के दौरान इस्लामिक स्कॉलर अतीक-उर-रहमान ने कहा कि सलमान रश्दी पर हमला गलत है। ये कट्टरपंथी सोच है, नहीं होना चाहिए था। इसी के साथ उन्होंने कहा कि हम दावा करते हैं कि इस्लाम और कुरान में कोई कट्टरपंथी सोच नहीं है। और न ही कोई आतंक से संबंधित पढ़ाई की जाती है।

अतीक-उर-रहमान के इस बयान पर एंकर ने पूछा फिर यह कौन लोग हैं। जो ‘सिर तन से जुदा’ करने की बात करते हैं। इस सवाल के जवाब में रहमान ने कहा कि बहुत हद तक मुस्लिम समुदाय इस बात को लेकर फेल हुआ है, यह कहने में कि जो कट्टरपंथी सोच है, वो गलत है। उन्होंने कहा कि हम मौलान अबुल कलाम को कोड करना चाहूंगा।

रहमान ने कहा कि अबुल कलाम ने बताया है कि जो हमारे हिंदुस्तान के हिंदू भाई हैं, वो काफिर नहीं हैं। उन्होंने कहा कि ये जो तारिक फतेह जैसे लोग हैं, यह अब तक क्यों नहीं बता पाए। अतीक-उर-रहमान ने कहा कि हमने नुपूर शर्मा मामले को लेकर कहा था कि इस्लाम का दायरा इतना बढ़ा है कि माफ किया जा सकता है। रहमान ने कहा कि हमने नुपूर शर्मा से कहा कि आपने जो भी जाने-अनजाने में गलती की है। इस्लाम का दायरा इतना बड़ा है कि उसको माफ किया जा सकता है।

बता दें, भारतीय मूल के लेखक सलमान रुश्दी पर न्यूयार्क में शुक्रवार (12 अगस्त, 2022) को एक कार्यक्रम के दौरान चाकू से हमला किया गया। सलमान रुश्दी फिलहाल वेंटिलेटर पर हैं। बताया जा रहा है कि हमले की वजह से वो अपनी एक आंख खो सकते हैं। वहीं, इस घटना को लेकर बांग्लादेश की निर्वासित लेखिका तसलीमा नसरीन ने भी ट्वीट किया है।

तसलीमा नसरीन ने अपने ट्वीट में लिखा, ‘मुझे अभी-अभी पता चला कि सलमान रुश्दी पर न्यूयॉर्क में हमला हुआ है। मैं वाकई बहुत हैरान हूं। कभी सोचा भी नहीं था कि ऐसा होगा। वो पश्चिम के एक देश में रह रहे हैं और 1989 से उन्हें सुरक्षा दी जा रही है। इसके बावजूद अगर उनके ऊपर हमला हो गया तो फिर इस्लाम की आलोचना करने वाले किसी भी शख्स पर हमला हो सकता है। मैं बहुत चिंतित हूं।’