चंद्रयान-3 सफलतापूर्वक चांद पर लैंड हो गया। वहीं लैंडर विक्रम और रोवर लगातार चांद से नई-नई जानकारियां भेज रहे हैं। इस बीच चंद्रयान 1 ने चांद पर पानी खोजा है। हालांकि इस बात का पता बहुत पहले ही चल चुका था, लेकिन चंद्रयान 1 ने जो नई जानकारी भेजी है, उसके आधार पर वैज्ञानिकों का दावा है कि धरती की वजह से ही चांद पर पानी बन रहा है। धरती से जाने वाले हाई एनर्जी इलेक्ट्रॉन्स चंद्रमा पर पानी बनाने में मदद कर रहे हैं।
पानी तो मिला लेकिन कितनी मात्रा में?
चांद की सतह पर पानी तो बन रहा है, लेकिन यहां पानी कहां और कितनी मात्रा में है, यह वैज्ञानिकों को नहीं पता चल पाया है और यह पता करना भी मुश्किल है। इसके अलावा वैज्ञानिकों को चांद पर पानी की उत्पत्ति की वजह का भी पता नहीं चल पा रहा है।
वैज्ञानिकों का दावा है कि अगर यह पता चल जाए कि चांद पर पानी कैसे और कहां मिलेगा, या फिर पानी कितनी जल्दी बन सकता है तो भविष्य में वहां पर इंसानी बस्ती बसाने में मदद मिलेगी। रिपोर्ट के अनुसार चंद्रयान 1 के एक यंत्र ने पानी के कणों को देखा है। बता दें कि चंद्रयान 1 भारत का पहला मून मिशन था।
हवा में मौजूद हाई एनर्जी कण चांद की सतह पर तेजी से हमला करते हैं। वैज्ञानिकों का मानना है कि उनके हमले की वजह से ही चांद पर पानी बन रहा है।
विक्रम लैंडर की तस्वीर आई सामने
चंद्रयान 3 का विक्रम लैंडर इस समय चांद की रात में सो रहा है, लेकिन उसकी तस्वीर भी सामने आ रही है। इस बार विक्रम लैंडर की फोटो दक्षिण कोरिया के मून ऑर्बिटर ने खींची है। इसमें शिव शक्ति पॉइंट भी दिख रहा है। शिव शक्ति पॉइंट उस जगह का नाम है जहां पर विक्रम लैंडर उतरा था। इस तस्वीर को लेकर कोरिया एयरोस्पेस रिसर्च इंस्टीट्यूट ने बताया कि यह तस्वीर 27 अगस्त को ली गई थी।