उत्तर प्रदेश के कासगंज में गणतंत्र दिवस पर भड़की हिंसा के बाद राजनीति तेज हो गई है। पक्ष-विपक्ष के साथ कई संगठनों और पूर्व अफसरों ने भी आरोप-प्रत्यारोप लगाने शुरू किए हैं। गुजरात के बर्खास्त आईपीएस अफसर संजीव भट्ट ने उत्तर प्रदेश की कासगंज हिंसा के पीछे राजनीतिक साजिश की ओर इशारा किया है। उनके ट्वीट पर लोगों की तरह-तरह की प्रतिक्रियाएं आ रहीं हैं। संजीव भट्ट ने 28 जनवरी को 12.52 मिनट पर ट्वीट कर कहा है- ‘‘ कासगंज तो शुरुआत है, यह लो-ग्रेड सांप्रदायिक बुखार 2019 के लोकसभा चुनाव तक जारी रहेगा। ठीक उसी तरह जैसे 2014 के लिए मुजफ्फरनगर कांड हुआ था। इस बार यह और बड़े पैमाने पर होगा और इसका असर गहरा होगा। ” उनके ट्वीट के बाद लोगों ने ट्रोल भी किया। वहीं कुछ लोगों ने पूर्व पुलिस अफसर पर विपक्षी नेताओं से मिलीभगत का आरोप लगाया। राजीव चड्ढा ने कहा-भारत आप पर भरोसा नहीं करता भट्ट। डॉ. सलाम अंसारी ने कहा-दुर्भाग्यपूर्ण मगर सत्य। अभिनेश स्वामी ने तंज कसते हुए कहा- बस अंकल जी, हो गया आपका।
यूपी के छोटे जिले कासगंज में गणतंत्र दिवस के मौके पर उस वक्त हिंसा भडक गई थी, जब कुछ लोग तिरंगा यात्रा निकाल रहे थे। मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक रास्ता मांगे जाने को लेकर हुई कहासनी बड़े फसाद में बदल गई। दौरान चली गोली में चंदन गुप्ता नामक युवक की मौत हो गई, वहीं एक अन्य युवक राहुल उपाध्याय घायल हो गए थे। चंदन के अंतिम संस्कार के बाद भी कस्बे में हिंसा भड़क उठी और दुकानें आदि जलाने की घटना हुई। चार दिन से लगातार कासगंज में तनावपूर्ण शांति बनी हुई है।
#Kasganj is just the beginning. The low-grade communal fever will continue to persist and spread till the Lok Sabha Elections of 2019. Kasganj will be to 2019 what Muzaffarnagar was to 2014. Only this time, the reach will be much wider and the ramifications much deeper. . .
— Sanjiv Bhatt (IPS) (@sanjivbhatt) January 28, 2018
कानून-व्यवस्था की बहाली के लिए पुलिस ने अब तक दोनों पक्षों से 112 लोगों को गिरफ्तार किया है। इस घटना में सात लोगों के खिलाफ नामजद केस दर्ज है। पुलिस अफसरों के मुताबिक वीडियो फुटेज के आधार पर हिंसा में शामिल लोगों को चिह्नित कर गिरफ्तार किया जा रहा है। मुख्य आरोपी शकील फरार बताया जाता है। उसके घर से देसी बम और पिस्टल बरामद होने की बात कही जा रही। नवनियुक्त डीजीपी ओपी सिंह ने स्थिति को नियंत्रण में बताया है। कहा है कि कस्बे में तनावपूर्ण शांति है। हिंसा में शामिल लोगों को चिह्नित कर गिरफ्तार किया जा रहा। कासगंज में नेताओं के जाने पर भी रोक लगा दी गई है। ताकि कोई आम जनता की भावनाएं भड़काने का काम न करे।

