INX Media Money Laundering case: आईएनएक्स मीडिया कथित घोटाला मामले में पूर्व वित्त मंत्री पी. चिदंबरम पर गिरफ्तारी की तलवार लटक रही है। दिल्ली हाई कोर्ट ने उनकी जमानत याचिका को खारिज करते हुए उन्हें इस पूरे मामले में ‘मुख्य साजिशकर्ता’ माना है। करीब 10 साल पुराने इस मामले में एक बयान के चलते पूर्व मंत्री शक के घेरे में आए और उसके बाद जांच एजेंसियों के जाल में घिरते चले गए। दरअसल इस मामले में आईएनएक्स मीडिया के प्रमोटर्स इंद्राणी मुखर्जी और उनके पति पीटर मुखर्जी का बयान चिदंबरम के लिए गले की फांस बन गया।
अपनी बेटी शीना बोरा की हत्या की आरोपी इंद्राणी मुखर्जी ने एजेंसी को बताया था कि ‘विदेशी प्रत्यक्ष निवेश अनुमोदन के लिए आईएनएक्स मीडिया की एप्लिकेशन विदेशी निवेश संवर्धन बोर्ड (एफआईपीबी) के पास भेजी गई थी। इसके बाद हमने दिल्ली स्थित नॉर्थ ब्लॉक में चिदंबरम से मुलाकात की। इस दौरान मेरे पति और कंपनी के सीनियर अधिकारी भी मौजूद थे। सबसे पहले पीटर ने चिदंबरम से बातचीत शुरू की। इस दौरान उन्होंने आईएनएक्स मीडिया की एप्लिकेशन का जिक्र कर एफडीआई पर बात की। और साथ ही एप्लिकेशन की एक कॉपी उन्हें (चिदंबरम) दे दी। मामले को समझने के बाद उन्होंने बदले में पीटर से अपने बेटे (कार्ति चिदंबरम) के लिए बिजनेस में मदद करने की बात कही।’
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हालांकि अपने बयान में इंद्राणी ने इस बात की जानकारी नहीं दी कि चिदंबरम को कितनी रकम दी गई थी। इंद्राणी के मुताबिक 2008 में एफआईपीबी अनुमोदन के लिए अनियमितताओं का पता चला तो पीटर ने पी चिदंबरम के पास जाकर मदद मांगी थी। इसके बाद चिदंबरम के बेटे कार्ति चिदंबरम ने एफआईपीबी के अधिकारियों को अपने पिता के रसूख का हवाला देकर मामले को सुलझाने का दबाव बनाया। इंद्राणी ने अपने बयान में कहा ‘हमने इस सिलसिले में दिल्ली के एक होटल में कार्ति से मुलाकात की। मुलाकात के दौरान उन्होंने 10 लाख रुपए की मांग की।’ बता दें कि इस बात की पुष्टि जांच एजेंसी ने भी की है कि कार्ति ने 10 लाख रुएप की मांग की थी।