INS Imphal: भारतीय नौसेना में आज स्वदेश निर्मित स्टील्थ गाइडेड मिसाइल विध्वंसक ‘आईएनएस इम्फाल’ को औपचारिक रूप से शामिल किया जाएगा। इस मौके पर रक्षामंत्री राजनाथ सिंह मौजूद रहेंगे। 20 अक्टूबर को सभी परीक्षण पूरे करने के बाद INS Imphal को नौसेना को सौंप दिया गया था। इम्फाल विध्‍वंसक पहला युद्धपोत है जिसका नाम उत्तर पूर्व के एक शहर के नाम पर रखा गया है। यह विशाखापट्टनम क्लास का तीसरा गाइडेड मिसाइल विध्वंसक है। नौसेना अधिकारियों के मुताबिक युद्धपोत को रक्षा मंत्री की मौजूदगी में मुंबई स्थित नौसेना की डॉकयार्ड में आयोजित एक समारोह में शस्त्र बल में शामिल किया जाएगा।

क्या है खासियत

आईएनए इम्फाल से पिछले महीने एक्सटेंडेड रेंज वाली सुपरसोनिक ब्रह्मोस मिसाइल का परीक्षण किया गया। पहली बार नौसेना ने किसी युद्धपोत से ब्रह्मोस मिसाइल का परीक्षण किया है। आईएनएस इम्फाल पर लगने वाली ब्रह्मोस मिसाइल 90 डिग्री पर घूमकर दुश्मन कर हमला करती है। यह युद्धपोत का वजन करीब 7,400 टन और कुल लंबाई 164 मीटर है। इस युद्धपोत से सतह से सतह पर मार करने वाली मिसाइलों और पोत विध्वंसक मिसाइलों के साथ ही टॉरपीडो से भी हमला किया जा सकता है। इस पर लगा स्टेल्थ गाइडेड मिसाइल डिस्ट्रॉयर स्वदेसी है। आईएनएस इम्फाल की रफ्तार करीब 56 किलोमीटर प्रति घंटा है।

आईएनए इम्फाल के नौसेना के बेड़े में शामिल होने के बाद इसकी ताकत में काफी इजाफा होगा। इस युद्धपोत को पश्चिम में पाकिस्तान और पूर्व में चीन से आने वाले खतरों के लिए पूरी तरह से तैनात किया गया है। इस युद्धपोत की रेंज 7400 किमी है। इतना ही नहीं यह समंदर में 45 दिनों तक रह सकता है। इसमें चार कवच डिकॉय लॉन्चर्स लगे हैं। 32 बराक 8 मिसाइलों के अलावा 16 ब्रह्मोस एंटी शिप मिसाइल, 4 टॉरपीडो ट्यूब्स, 2 एंटी-सबमरीन रॉकेट लॉन्चर्स, 7 प्रकार के गन्स होते हैं। इसके अलावा इस पर ध्रुव और सी किंग हेलिकॉप्टर ही तैनात हैं। आईएनएस इम्फाल पर 50 अधिकारी और 250 नौसैनिक तैनात होंगे।