INS Arighat Nuclear Submarine: भारतीय नौसेना की ताकत में और इजाफा होने जा रहा है। गुरुवार को नौसेना में परमाणु सबमरीन INS ‘अरिघात’ शामिल होने जा रही है। इसे दुश्मन का काल कहा जा रहा है। इसके समंदर में उतरते ही भारत की ताकत कई गुना बढ़ जाएगा। चीन से लेकर पाकिस्तान में इसे लेकर खलबली मची हुई है। परमाणु बम से लैस यह पनडुब्बी 750 किमी तक दुश्मन को खत्म करने की ताकत रखती है। यह ना सिर्फ दुश्मन से बच सकती है बल्कि उस पर नजर भी बनाए रख सकती है। विशाखापत्तनम के सीक्रेट जहाज निर्माण केंद्र में रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह की मौजूदगी में इसे समंदर में उतारा जाएगा।
क्या है खासियत?
परमाणु ऊर्जा से चलने वाली यह पनडुब्बी चार महीने से अधिक समय तक पानी के अंदर रह सकती है। इससे पहले भारत के पास ऐसी एक ही पनडुब्बी मौजूद है। दुश्मनों को पता लगे बिना ही यह उन पर हमला कर सकती है। 112 मीटर लंबी यह पनडुब्बी K-15 मिसाइलों से भी लैस है। इसकी मारक क्षमता 750 किमी से भी अधिक है। यह जमीन, हवा और समुद्र में दुश्मन का खात्मा कर सकती है। देखने में यह इससे पहले मौजूद आईएनएस अरिहंत जैसी की है। इसका साइज भी उसी के बराबर है। आईएनएस अरिघात की लंबाई 111.6 मीटर चौड़ाई 11 मीटर और ऊंचाई 9.5 मीटर है।
यह पनडुब्बी समुद्र की गहराई में किलोमीटर प्रति घंटे की गति से चल सकती है। इसका कुल वजन 6 हजार टन है। यह पानी के अंदर 980 से 1400 फीट की गहराई तक जा सकती है। इसमें चार K4 मिसाइलें भी हैं, जिनकी रेंज 3500 किमी है। इसके अलावा इस पनडुब्बी में 21 इंच की छह टॉरपीडो लगी हैं।
भारत के पास अभी जो पनडुब्बियां मौजूद हैं वह डीजल-इलेक्ट्रिक पनडुब्बियां हैं। उन्हें बैटरी को रिचार्ज करने के लिए ऑक्सीजन लेने हर दो दिन में सतह पर आना पड़ता है। वहीं ये पनडुब्बी 83 मेगावाट दबाव वाले लाइट वाटर के रिएक्टरों से संचालित होती हैं। ऐसे में यह कई महीनों तक पानी के अंदर ही डूबे रह सकती हैं। भारत इस तरह की कुल तीन पनडुब्बियां बना रहा है। इनमें से दो पूरी तरह तैयार हैं। इन पर 90 हजार करोड़ रुपये का खर्च आया है।