प्रियरंजन
कॉरपारेट जासूसी के मामले में शुक्रवार को यहां पेट्रोलियम क्षेत्र के लिए परामर्श सेवा देने वाले दो व्यक्तियों को गिरफ्तार किए जाने के साथ यह पूरा मामला और गहरा गया है। मामले में कई और मंत्रालयों व विभागों के नाम भी सामने आ सकते हैं। आरोपियों के पास से वित्त मंत्री अरुण जेटली की ओर से पेश किए जाने वाले बजट भाषण की जानकारियों के अलावा विदेशी मामलों से जुड़े तथ्यों और कैबिनेट सचिव नृपेंद्र मिश्रा के एक पत्र के मिलने से यह मामला कई कोणों से संवेदनशील हो गया है।
दिल्ली पुलिस ने मामले में गुरुवार को पांच लोगों को गिरफ्तार किया था जिनमें पेट्रोलियम मंत्रालय के दो अधिकारी और तीन बिचौलिए शामिल हैं। पुलिस आयुक्त भीमसेन बस्सी की इस पुष्टि के बाद कि गोपनीय दस्तावेजों की चोरी और लीक कई सालों से चल रही थी, पुलिसिया रडार में कई मंत्रालय व विभाग आ रहे हैं। पुलिस सूत्रों की मानें तो पेट्रोलियम मंत्रालय के अलावा वित्त, विदेश मंत्रालय भी जांच के दायरे में आ सकते हैं।
शुक्रवार को दो ऊर्जा सलाहकारों की गिरफ्तारी के बाद अब तक गिरफ्तार सभी सात आरोपियों को अदालत में पेश किया गया जिनमें से चार आरोपियों को जज ने 23 फरवरी तक के लिए पुलिस हिरासत में अपराध शाखा को सौंप दिया और तीन अन्य को दो सप्ताह के लिए न्यायिक हिरासत में तिहाड़ भेज दिया। गोपनीय दस्तावेज चुराने के आरोप में गिरफ्तार किए गए लोगों के हवाले से मिली जानकारियों के आधार पर पुलिस ने दावा किया है कि कोयला और बिजली मंत्रालय में भी इस गिरोह ने इसी तरह की चोरी की थी। आरोपियों से मिली तीन डायरियों से यह बात सामने आई है। सूत्र बताते हैं कि इन डायरियों में कई बड़े नाम हो सकते हैं। शुक्रवार को कनॉट प्लेस में एक भवन सहित कई ठिकानों पर छापा मारा गया। माना जाता है कि यहां मुकेश अंबानी की पेट्रोलियम कंपनी आरआइएल का कार्यालय है।
पुलिस की अपराध शाखा ने दर्ज प्राथमिकी में कहा है कि वित्त मंत्री के बजट भाषण, 2015-16 में शामिल की जाने वाली राष्ट्रीय गैस ग्रिड पर जानकारी देने संबंधी शीर्षक वाले दस्तावेजों की फोटोकॉपी चोरी के दस्तावेजों में शामिल है। मुख्य मेट्रोपोलिटन मजिस्ट्रेट संजय खगनवाल के समक्ष पेश की गई मामले की प्राथमिकी के मुताबिक, पुलिस ने इन लोगों के पास से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के प्रधान सचिव नृपेंद्र मिश्रा का एक पत्र भी बरामद किया है। पुलिस ने इस मामले में अब तक सात लोगों को गिरफ्तार किया है। इन लोगों को भारतीय दंड संहिता की धारा 457, 380, 471, 120-बी और 34 के तहत आरोपी बनाया गया है। कई दूसरे दस्तावेजों की प्रतियों में ‘श्रीलंका में आगे के अवसरों पर जानकारी’ नाम के शीर्षक वाले दस्तावेज भी शामिल हैं।
पुलिस ने आरोपियों के पास से मासिक गैस रिपोर्ट-दिसंबर, 2014 पर पेट्रोलियम योजना व विश्लेषण प्रकोष्ठ के दस्तावेजों की फोटोकॉपी बरामद की है। इन पर 16 फरवरी, 2015 की तारीख है और प्रकोष्ठ महानिदेशक अत्रेयी दास का हस्ताक्षर है। उसने कहा कि पेट्रोलियम मंत्रालय के उत्खनन प्रकोष्ठ के दस्तावेजों की फोटोकॉपी भी मिली जिन पर उप सचिव नलिन कुमार श्रीवास्तव के हस्ताक्षर हैं। आरोपियों के पास से जो दूसरे दस्तावेज मिले उनमें मुख्यधारा के क्षेत्र और दूसरे क्षेत्रों के प्रदर्शन पर ‘बैकग्राउंड नोट’ की फोटोकॉपी भी शामिल है।
एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि पुलिस ने मामले में प्रयास जैन और शांतनु सैकिया को गिरफ्तार किया है। दोनों ऊर्जा सलाहकार हैं, इन पर चोरी के दस्तावेज हासिल करने का आरोप है। सैकिया एक पूर्व पत्रकार हैं, जो पेट्रोलियम मुद्दे पर एक वेब पोर्टल चलाते हैं और उनका दफ्तर डिफेंस कालोनी में हैं। जैन पटेल नगर में अपनी कंसल्टंसी कंपनी चलाते हैं। दिल्ली पुलिस का आरोप है कि ये लोग कुछ कारपोरेट घरानों को गोपनीय सामग्री मुहैया करा रहे थे।
दिल्ली पुलिस आयुक्त ने कहा कि एक गुप्त सूचना के आधार पर कदम उठाया गया। 17 फरवरी को शास्त्री भवन में दो लोग अपने दो सहयोगियों के साथ पेट्रोलियम और प्राकृतिक गैस मंत्रालय के दफ्तरों में घुसकर सरकारी दस्तावेज निकालने में संलिप्त थे। गोपनीय दस्तावेजों की चोरी और लीक संभवत: कई सालों से चल रही थी, जिन्हें कुछ स्वतंत्र सलाहकारों और ऊर्जा कंपनियों को लीक किया गया है।
पुलिस की अपराध शाखा ने इस मामले के सात आरोपियों को मुख्य मेट्रोपोलिटन मजिस्ट्रेट संजय खनगवाल के समक्ष पेश किया और कहा कि उसे लालता प्रसाद, राकेश कुमार, प्रयास जैन और शांतनु सैकिया से हिरासत में पूछताछ करने की जरूरत है। मामले के तीन अन्य आरोपियों ईश्वर सिंह, आसाराम और राजकुमार चौबे के बारे में पुलिस ने कहा कि हिरासत में पूछताछ के लिए इनकी जरूरत नहीं है, इसलिए इन्हें न्यायिक हिरासत में भेजा जाए। दलीलें सुनने के बाद अदालत ने चार आरोपियों को 23 फरवरी तक के लिए पुलिस हिरासत में भेज दिया, जबकि तीन अन्य को दो हफ्ते के लिए न्यायिक हिरासत में भेज दिया।
आधिकारिक दस्तावेज चुराने के लिए ये आरोपी कथित तौर पर रात में जिन कमरों में जाते थे उनमें संयुक्त सचिव (रिफाइनरी) और संयुक्त सचिव (उत्खनन) के कमरों के अलावा निदेशक रैंक के अधिकारियों के कार्यालय कक्ष शामिल हैं। पुलिस सूत्रों के मुताबिक, उनके पास से चाबियों का गुच्छा मिला जिसका उपयोग मंत्रालय के शीर्ष अधिकारियों के कमरों को खोलने के लिए किया जाता था। ये व्यक्ति जिन कमरों में जाते थे उनमें एक विशेष सचिव, दो संयुक्त सचिव और कुछ निदेशक रैंक के अधिकारी शामिल हैं जो उत्खनन नीति और पेट्रोलियम व गैस मूल्य निर्धारण जैसे संवेदनशील मुद्दों से जुड़े थे। सूत्रों ने कहा कि मंत्रालय को कुछ महीने पहले आधिकारिक दस्तावेजों की चोरी के संबंध में उस समय सतर्क किया गया था जबकि सुबह कमरे खोलने पर संयुक्त सचिव (उत्खनन) गिरिधर अरमाने के पास के कुछ दस्तावेज फोटोकापी मशीन पर पाए गए थे। मंत्रालय ने आंतरिक तौर पर इस मामले की जांच की थी।
आरोपियों की कथित भूमिका के बारे में पुलिस ने कहा कि चौबे उस वाहन को चला रहा था जिससे ‘गुप्त और गोपनीय’ दस्तावेज बरामद किए गए जबकि आशाराम और ईश्वर सिंह उसे पेट्रोलियम मंत्रालय की जानकारी दिया करते थे। पेट्रोलियम मंत्रालय में काम करने वाला आसाराम मंत्रालय में लगे सीसीटीवी कैमरे बंद कर देता था और इसके बाद उसके बेटे प्रसाद और राकेश फर्जी प्रवेश कार्ड का इस्तेमाल करके परिसर में दाखिल होते थे। इन लोगों ने ये कार्ड चार-चार हजार रुपए अदा करके हासिल किए थे। सैकिया के बारे में पुलिस ने कहा कि उसके पास बड़ी मात्रा में दस्तावेज बरामद किए गए हैं जबकि प्रसाद दस्तावेज हासिल करने के लिए गैरकानूनी ढंग से पेट्रोलियम मंत्रालय में दाखिल हो जाता था।
सुनवाई के दौरान सैकिया की पैरवी कर रहे वकील ने अदालत को बताया कि उनके मुवक्किल एक पत्रकार हैं और उनके पास से जो दस्तावेज बरामद किए गए हैं वह उनके पेशे का हिस्सा है। पुलिस को यह दिखाना होगा कि ये दस्तावेज कैसे गोपनीय हैं। दूसरे आरोपियों की पैरवी कर रहे वकीलों ने अदालत से अपील की कि पुलिस हिरासत के दौरान उन्हें उनके मुवक्किलों से मुलाकात की इजाजत दी जाए। अदालत ने उनकी दलील स्वीकार कर ली और कहा कि वे शनिवार शाम छह बजे अपने मुवक्किलों से मिलें।
बजट भाषण भी लीक:
वित्त मंत्री के आगामी बजट भाषण में शामिल होने वाली राष्ट्रीय गैस ग्रिड पर एक जानकारी भी उन कई गोपनीय दस्तावेजों में शामिल हैं जिन्हें कॉरपोरेट जासूसी मामले के आरोपियों के पास से बरामद किया गया है। आरोपियों के पास से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के प्रधान सचिव नृपेंद्र मिश्रा का एक पत्र भी बरामद हुआ है। कई दूसरे दस्तावेजों की प्रतियों में ‘श्रीलंका में आगे के अवसरों पर जानकारी’ नाम के शीर्षक वाले दस्तावेज भी शामिल हैं।
सेबी हुआ सतर्क:
पूंजी बाजार नियामक सेबी के अध्यक्ष यूके सिन्हा ने चेतावनी दी है कि अगर चुराई गई सूचना का इस्तेमाल बाजार में किया गया तो कड़ी कारवाई की जाएगी। गोपनीय सूचनाओं के आधार पर सौदे होते हैं तो यह शेयर मूल्य के लिहाज से अप्रकाशित संवेदनशील सूचना होगी और यह अवैध भेदिया कारोबार और धोखाधड़ी की श्रेणी में आएगा। इस तरह की रिपोर्ट है कि इन सूचनाओं का शेयर बाजार में सौदों के लिए भी इस्तेमाल किया जाता रहा है।