संघ नेता इंद्रेश कुमार ने अपने अहंकारी वाले बयान पर सफाई देने का काम किया है। उनका कहना है कि जिसने राम भक्ति की है, वो तो सत्ता में वापस आ गए हैं। इंद्रेश ने यू टर्न लेते हुए यहां तक कहा है कि मोदी की अगुवाई में देश विकास कर रहा है, विकास के रास्ते पर चल रहा है। अब उनकी तरफ से यह बयान उस समय आया है जब उन्होंने पहलेब बीजेपी को एक अहंकारी पार्टी बता दिया था।
इंद्रेश कुमार ने कहा था कि राम सबके साथ न्याय करते हैं। 2024 के लोकसभा चुनाव को ही देख लीजिए, जिन्होंने राम की भक्ति की, लेकिन उनमें धीरे-धीरे अंहकार आ गया, तो उसे भगवान ने सबसे बड़ी पार्टी तो बना दिया लेकिन जो पूरे हक वाली बात थी, वह ताकत अहंकार के कारण रोक दी।
विपक्षी दलों के इंडिया गठबंधन को लेकर इंद्रेश कुमार ने कहा है कि जिन्होंने राम का विरोध किया, उन्हें बिल्कुल भी शक्ति नहीं दी। सब मिलकर भी नंबर-1 नहीं बने। नंबर-2 पर खड़े रह गए। इसलिए प्रभु का न्याय विचित्र नहीं है। सत्य है। बड़ा आनंददायक है।
अब इस बयान के बाद जब विवाद ज्यादा बढ़ गया तो संघ ने सामने से आकर कहा कि यह उनका निजी विचार नहीं है बल्कि इसे सिर्फ इंद्रेश कुमार का बयान ही माना जाए। समझने वाली बात यह है कि पिछले कुछ दिनों से लगातार संघ की तरफ से ऐसी टिप्पणियां की जा रही हैं जिन्हें बीजेपी और मोदी सरकार के खिलाफ माना जा रहा है। हाल ही में संघ प्रमुख मोहन भागवत ने भी कह दिया था कि मणिपुर में हिंसा एक साल से जारी है, इसके ऊपर उन्होंने यहां तक बोला था कि सच्चा सेवक कभी यह नहीं बोलता कि उसने सारे काम किए हैं।
