सरकार के स्वच्छता सर्वेक्षण में इंदौर सबसे स्वच्छ शहर के रूप में सामने आया है। इसके बाद भोपाल और चंडीगढ़ का स्थान रहा। आवास राज्य मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने बुधवार को स्वच्छ सर्वेक्षण 2018 के नतीजे घोषित किए। इसका मकसद देश भर के शहरों में स्चच्छता स्तर का आकलन करना है। सर्वेक्षण में झारखंड को सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करने वाला राज्य चुना गया। उसके बाद महाराष्ट्र तथा छत्तीसगढ़ का स्थान रहा। पिछले सर्वेक्षणों की तुलना में इस बार आम नागरिकों से मिली प्रतिक्रिया को खासा महत्व दिया गया था।
इंदौर पिछले साल भी सबसे स्वच्छ शहर चुना गया था। उस समय सिर्फ 430 शहरों के लिए सर्वेक्षण कराया गया था लेकिन इस बार करीब 4200 शहरों को शामिल किया गया था। पुरी ने कहा कि सबसे खराब प्रदर्शन करने वाले शहरों के नाम उस दिन घोषित किए जाएंगे जिस दिन पुरस्कार दिए जाएंगे।
दूसरी तरफ, केंद्र सरकार के “स्वच्छ सर्वेक्षण” में इंदौर के लगातार दूसरे साल शीर्ष स्थान पर रहने से बेहद प्रसन्न लोकसभा अध्यक्ष सुमित्रा महाजन ने इस उपलब्धि का श्रेय शहर के आम बाशिंदों को दिया है। महाजन इंदौर क्षेत्र की सांसद भी हैं। उन्होंने एक बयान में कहा, “इस सफलता में सहयोग और सहभागिता की इंदौरी संस्कृति का प्रमुख योगदान है। साफ-सफाई को लेकर स्थानीय बाशिंदों की जागरूकता ने देश भर में अलग पहचान बनायी है।”
उन्होंने कहा कि सबसे स्वच्छ शहरों की सूची में इंदौर को शीर्ष पायदान पर बनाए रखने के लिए स्थानीय सफाई कर्मचारियों की जितनी भी प्रशंसा की जाए, कम है। स्थानीय प्रशासन ने भी इस सिलसिले में अपने स्तर पर कड़ी मेहनत की है। इंदौर की महापौर मालिनी लक्ष्मण सिंह गौड़ भी शहर की कामयाबी पर फूली नहीं समा रही हैं। उन्होंने कहा कि साफ-सफाई की स्थिति जांचने के राष्ट्रीय सर्वेक्षण में इंदौर को सतत दूसरे साल प्रथम स्थान प्राप्त होने की उपलब्धि की जड़ में शहर की स्वच्छताप्रेमी जनता का सहयोग है।