कांग्रेस को उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड विधान सभा चुनाव में मिली बुरी तरह हार और गोवा और मणिपुर में सबसे बड़ी पार्टी बनकर सामने आने के बावजूद विपक्ष में बैठने को मजबूर होने के बाद सबसे ज्यादा अंगुलियां पार्टी उपाध्यक्ष राहुल गांधी की तरफ उठ रही हैं। कांग्रेस अध्यक्ष का चुनाव इसी साल होना है। राहुल की माँ सोनिया गांधी 19 साल से कांग्रेस पार्टी की अध्यक्ष हैं। कांग्रेस के अंदरखाने इस बात की चर्चा तेज है कि क्या राहुल अब पार्टी अध्यक्ष बनने का बड़ा फैसला लेंगे?
कांग्रेसी अभी से सोनिया गांधी की कार्यशैली उनकी तुलना करने लगे हैं। सोनिया के नेतृत्व में कांग्रेस ने 2004 और 2009 का लोक सभा चुनाव जीतकर गठबंधन सरकार बनायी थी। लेकिन पिछले कुछ समय से सोनिया बीमार चल रही हैं। ये तय है कि आज नहीं तो कल सोनिया की जगह राहुल ही लेंगे। लेकिन पांच राज्यों के नतीजे आने के बाद राहुल की नेतृत्व क्षमता पर सवाल उठने लगे हैं। एक वरिष्ठ कांग्रेसी नेता कहते हैं, “सोनिया की सबसे बड़ी ताकत ये है कि वो अपनी कमजोरी को जानती हैं। इसलिए वो दूसरों को उनकी काबिलियत और समझ के साथ काम करने की छूट देती हैं। राहुल की दिक्कत है कि उन्हें लगता है कि उन्हें सब पता है। वो लोकतांत्रिक होने का दिखावा करते हैं लेकिन वो अधिनायकवादी हैं।”
कांग्रेस की इस समय पंजाब, कर्नाटक, मेघालय, मिजोरम, हिमाचल प्रदेश और पुदुच्चेरी में सरकार है। सभी कांग्रेसशासित प्रदेशों में भारत की महज 8.9 प्रतिशत आबादी रहती है। वहीं भाजपाशासित प्रदेशों में देश की 62 प्रतिशत आबादी रहती है। कर्नाटक और हिमाचल प्रदेश जहां कांग्रेस सत्ता में है वहां इसी साल विधान सभा चुनाव होने हैं। वहीं लंबे समय से भाजपा के कब्जे वाले गुजरात में भी इस साल चुनाव होंगे। कांग्रेस यूपी में 27 साल, गुजरात में 22 साल, मध्य प्रदेश में 15 साल, छत्तीसगढ़ में 14 साल से सत्ता से बाहर है। तो क्या राहुल कांग्रेसी राज्यों को बचाते हुए जिन राज्यों से पार्टी बाहर है वहां वापसी दिला पाएंगे?
यूपी, उत्तराखंड, पंजाब, मणिपुर और गोवा विधान सभा चुनाव के नतीजे आने के बाद राहुल गांधी के दोस्त और जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने ट्वीट किया कि भारत में इस वक्त कोई भी नेता या पार्टी ऐसी नहीं है जो 2019 में नरेंद्र मोदी का मुकाबला कर सके। सार्वजनिक तौर पर इसे स्वीकार करने वाले कांग्रेसी बहुत कम हैं लेकिन निजी बातचीत में कई मानते हैं कि नरेंद्र मोदी और अमित शाह को टक्कर देना राहुल के वश की बात नहीं है। लेकिन राहुल के करीबी उन पर उठने वालों सवालों को खारिज करते हैं।
राहुल गांधी को बचपन से ही किस्से-कहानियां पसंद हैं। कांग्रेस के अंदरखाने राहुल के बारे में भी एक किस्सा सुनाया जाता है। जब वो छोटे थे तो अंधेरे से बहुत डरते थे। उनकी दादी इंदिरा गांधी ने उन्हें एक बार रात भर बगीचे में अकेले खड़ा करवा दिया था। वो मदद के लिए रोते रहे लेकिन कोई नहीं आया, उनकी माँ सोनिया गांधी भी नहीं। राहुल कहते हैं कि उस रात उन्होंने अपने डर पर जीत हासिल कर ली और अंधेरे से निकलना का रास्ता पा लिया।
