अक्सर यह देखा गया है कि जब भी किसी बड़ी शख्सियत को जेल भेजा जाता है तो वह कई मांग करता है। इनमें खान-पान से लेकर रोजमर्रा के इस्तेमाल में आने वाली चीजों की मांग की जाती है। वेस्टर्न टॉयलेट की मांग तो विशेष तौर पर की जाती है। ऐसा ही ताजा मामला सामने आया है आईएनएक्स मीडिया मामले में। इस मामले में सीबीआई कोर्ट ने गुरुवार को पूर्व वित्त मंत्री पी. चिदंबरम को 14 न्यायिक हिरासात में तिहाड़ जेल भेज दिया।

जेल जाने से पहले चिदंबरम के वकील ने उनके लिए कुछ विशेष सुविधाओं की मांग की जिनमें से एक वेस्टर्न टॉयलेट भी थी। कोर्ट ने चिदंबरम को वेस्टर्न टॉयलेट के इस्तेमाल की इजाजत दे दी। चिदंबरम की इस मांग ने इमरजेंसी के दौरान उस किस्से की यादों को ताजा कर दिया है जिसमें एक नेता ने अपने लिए वेस्टर्न टॉयलेट की मांग की थी। ये शख्स पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी ने के राजनीतिक विरोधी थे। लेकिन इंदिरा ने उन्हें जेल में वेस्टर्न टॉयलेट की सुविधा दिलवाई थी।

नेता का पीलू मोदी था जो कि गुजरात की गोदरा सीट से सांसद थे। वह इंदिरा के राजनीतिक विरोधी तो थे लेकिन राजनीति से हटकर वह पूर्व प्रधानमंत्री के अच्छे मित्र भी थे। जब इमरजेंसी लगाई गई तो पीलू मोदी को मेंटेनेंस ऑफ इंटरनल सिक्योरिटी एक्ट (मीसा) के तहत गिरफ्तार कर लिया गया। इसके बाद उन्हें हरियाणा की रोहतक जेल में शिफ्ट किया गया। पीलू को कुछ दिनों बाद इंदिरा गांधी का एक पत्र मिला जिसमें उन्होंने सांसद से उनका हाल-चाल पूछा। इस पत्र के जवाब में उन्होंने कहा कि वह जेल में ठीक हैं लेकिन सिर्फ एक चीज की कमी महसूस कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि जेल में वेस्टर्न टॉयलेट नहीं है।

इसके बाद जब यह पत्र इंदिरा गांधी को मिला तो उन्होंने तुरंत रोहतक जेल प्रशासन को पीलू मोदी के लिए वेस्टर्न टॉयलेट की व्यवस्था करने का ऑर्डर दिए। देश की प्रधानमंत्री के ऑर्डर पर जेल प्रशासन में हड़कंप मच गया। रोहतक में उन दिनों कमोड नहीं मिलते थे। इसके बाद तुरंत एक राजमिस्त्री को बुलाकार टॉयलेट बनवाया गया। लेकिन इसे बनवाने से पहले पीलू मोदी की लंबाई और वजन का माप लिया गया। क्योंकि उनका वजन ज्यादा था तो उनके लिए रातों-रात राजमिस्त्री ने सीमेंट का इस्तेमाल कर बड़े साइज का वेस्टर्न टॉयलेट बना दिया।