Indian Military News: भारत अपनी मिलिट्री क्षमताओं में इजाफा करने के लिए तेजी से काम कर रहा है। इस कड़ी में भारत की ताकत में और भी इजाफा होने जा रहा है। द टाइम्स ऑफ इंडिया की रिपोर्ट के अनुसार, लद्दाख में LAC के करीब ऊंचाई वाले न्योमा एरिया में महत्वपूर्ण मुध एयर फील्ड प्रोजेक्ट के अक्टूबर तक पूरा होने की उम्मीद है।
रिपोर्ट में बताया गया है कि 13,710 फीट की ऊंचाई पर स्थित दुनिया की सबसे ऊंची एयर फिल्ड में से एक इस हवाई पट्टी पर BRO द्वारा अपग्रेड का काम किया जा रहा है। इस काम में ओरिजनल एयरस्ट्रिप को बढ़ाकर उसे 2.7 किमी लंबे ‘रिजिड पेवमेंट’ रनवे में बदलना था। इस अपग्रेड वर्क में डिस्पर्सल एरिया और टर्निंग पैड भी शामिल हैं।
कितनी धनराशि खर्च की जा रही?
TOI की रिपोर्ट के अनुसार, 230 करोड़ रुपये की लागत से होने वाले अपग्रेड से दोनों दिशाओं से सभी प्रकार के फिक्स्ड – विंग एयरक्रॉफ्ट्स का ऑपरेशन संभव हो सकेगा। इन विमानों में भारी-भरकम परिवहन विमानों और फाइटर जेट्स शामिल हैं। एक अधिकारी ने बताया कि 46 मीटर चौड़ाई वाला रनवे पूरी तरह से रेडी है।ATC कॉम्प्लेक्स, हैंगर, क्रैश बे, वॉच टावर, आवास और अन्य संबद्ध बुनियादी ढांचे भी लगभग पूरे हो चुके हैं।
उन्होंने बताया कि न्योमा इस एरिया में तैनात सैनिकों के लिए एक अग्रिम पड़ाव स्थल (forward staging ground) के रूप में और उन तक तेजी से सप्लाई पहुंचाने के लिए महत्वपूर्ण साबित होगा। यह एयरफील्ड 2026 की शुरुआत तक लड़ाकू अभियानों के लिए भी उपलब्ध होगी, हालांंकि हाई एल्टीट्यूड एक सीमित फैक्टर होगा, ठीक वैसे ही जैसे चीन की एयरफोर्स को LAC पर सामना करना पड़ता है।
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चीन की LAC पर कैसी है तैयारी?
चीन ने पिछले पांच सालों में LAC पर भारत की तरफ मिलिट्री क्षमताओं में वृद्धि की है। उसने तिब्बत क्षेत्र में एयर बेस पर व्यवस्थित रूप से काम किया है। नए और एक्सटेंडेड रनवे, मजबूत शेल्टर्स, ईंधन और गोला-बारूद भंडारण सुविधाओं के साथ, चीन अपने होटन, काश्गर, गरगुंसा, शिगात्से, बांगडा, न्यिंगची और होपिंग जैसे एयर फील्ड्स पर उन्नत जे-20 स्टील्थ फाइटर जेट्स के साथ-साथ बमवर्षक, टोही विमान और ड्रोन सहित अतिरिक्त जेट तैनात करने में कामयाब रहा है। इसके अलावा उसने अरुणाचल से लद्दाख तक नए हेलिपोर्ट भी बनाए हैं।
लद्दाख में भारत कितना मजबूत?
LAC से 35 किमी दूर स्थित न्योमा अब लद्दाख में भारतीय वायुसेना के लिए एक और ऑपरेशन एयरबेस होगा। लद्दाख में लेह, कारगिल, थोइस एयर फील्ड्स और दौलत बेग ओल्डी ALG (एडवांस लैंडिंग ग्राउंड) का इस्तेमाल इस समय भारतीय सेना कर रही है।
न्योमा को साल 2009 में ALG के रूप में वायुसेना ने रिएक्टिवेट किया था। तब यहां मिडियम लिफ्ट AN-32 ट्रांसपोर्ट एयरक्रॉफ्ट लैंड हुआ था। साल 2020 में चीन से LAC पर विवाद के बाद यहां अपग्रेड प्रोजेक्ट शुरू हुआ।
इसके अलावा भारत लद्दाख में फुक्चे व डीबीओ और अरुणाचल प्रदेश में पासीघाट, मेचुका, वालोंग, टूटिंग, अलोंग और जीरो इन्फ्रास्ट्रक्चर अपग्रेड में लगा हुआ है। इसी तरह LAC के मध्य क्षेत्र (उत्तराखंड, हिमाचल प्रदेश) में सिविल ALSs का भी अब मिलिट्री उद्देश्यों के लिए तेजी से इस्तेमाल किया जा रहा है।