भारत की पहली महिला डायरेक्टर जनरल ऑफ पुलिस (डीजीपी) कंचन चौधरी भट्टाचार्य का सोमवार रात निधन हो गया। 1973 बैच की आईपीएस अधिकारी ने 2004 में उत्तराखंड की डीजीपी पद पर नियुक्ति के साथ ही देश की पहली महिला डायरेक्टर जनरल ऑफ पुलिस बनने का गौरव हासिल किया था। इसके साथ ही भट्टाचार्य किरण बेदी के बाद देश की दूसरी महिला आईपीएस अधिकारी भी थीं।
पूर्व डीजीपी 31 अक्टूबर 2007 को रिटायर हुई थीं। इस दौरान उन्हें उत्तराखंड पुलिस द्वारा विदाई समारोह में एक औपचारिक गार्ड ऑफ ऑनर दिया गया। पंजाब के अमृतसर की रहने वाली भट्टाचार्य बचपन से ही पुलिस अधिकारी बनना चाहती थीं। पहली महिला डीजीपी बनते ही उन्होंने महिलाओं के खिलाफ होने वाली अनदेखी को कम करने की कोशिश की। इसका एक उदाहरण इससे मिल जाता है कि उनकी पहल की वजह से उत्तराखंड के शहरों में ट्रैफिक पुलिस को व्यवस्थित करने के लिए महिला होमगार्डों की नियुक्ति की जा सकी।
एकबार जब उनसे डीजीपी रहते हुए उनकी उपलब्धियों के बारे में पूछा गया तो उन्होंने कहा था ‘मैंने पुलिस और जनता के एक दूसरे के देखने को नजरिए को प्रभावित किया है। मैं हमेशा कमजोरों के साथ खड़ी रही हूं।’ बता दें कि मशहूर टीवी सीरियल ‘उड़ान’ में उनके जीवन के संघर्ष को दिखाया गया था। यह शो उन्हीं की बहन कविता चौधरी ने 80 के दशक में दूरदर्शन पर पेश किया था। पुलिस सेवाओं से रिटायरमेंट लेने के बाद भट्टाचार्य ने राजनीति में हाथ आजमाया लेकिन उन्हें यहां सफलता नहीं मिली।
उन्होंने 2014 के लोकसभआ चुनाव में आम आदमी पार्टी (आप) के टिकट पर हरिद्वार से चुनाव लड़ा और उन्हें हार का सामना करना पड़ा। उनके निधन पर आईपीएस एसोसिएशन ने दुख जताते हुए सूचना दी ‘हमें देश की दूसरी आईपीएस अधिकारी और पहली महिला डीजीपी कंचन चौधरी भट्टाचार्य के निधन से भारी क्षति पहुंची है। वह बेहद ही उत्कृष्ट अधिकारी थीं और उनका करियर बेहद ही शानदार रहा।’