डार्क वेब पर 13 लाख भारतीय डेबिट और क्रेडिट कार्ड्स का डेटा हैक होने की बात सामने आई है। इस डेटा को मार्केट प्लेस पर बेचा जा रहा है। बताया जा रहा है कि यह अब तक का सबसे बड़ा डेबिट क्रेडिट कार्ड कैशे है। इसकी जद में भारत के 98 प्रतिशत डेबिट और क्रेडिट कार्ड धारक हैं। इनमें 18 प्रतिशत जानकारियां एक ही बैंक के खाताधारकों की हैं।
Group-IB साइबर सिक्योरिटी फर्म ने यह जानकारी साझा की है। ZDNet की एक रिपोर्ट के मुताबिक इन कार्ड्स की जानकारियों को Joker’s Stash नाम के डार्कनेट मार्केट प्लेस पर बेचा जा रहा है। यहां पर 100 डॉलर के हिसाब से कार्ड्स की डिटेल को बेचा जा रहा है। Group-IB के रिसर्चर्स के मुताबिक इस पूरे डाटा को 920 करोड़ रुपए में ऑनलाइन बेचा जा सकता है।
बहरहाल अलग-अलग बैंकों की डिटेल्स चोरी होने के बाद कहा जा रहा है कि यह अबतक का सबसे बड़ा सिक्युरिटी फेलियर है। हालांकि 2016 में भी इसी तरह का मामला सामने आया था जब 32 से ज्यादा कार्ड्स की डिटेल्स को हैक कर लिया गया था। इसमें देश के कई नामी बैंकों का डेटा शामिल था। जिसके बाद बैंकों ने अपने ग्राहकों को नए कार्ड जारी किए थे।
वहीं रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया ने बैंकों को कार्ड्स की सुरक्षा को सुनिश्चित करने के निर्देश जारी किए थे। बैंक ने कहा था कि सभी बैंक मैग्नेटिक स्ट्रिप के बजाय ईएमवी बेस्ड चिप कार्ड्स का इस्तेमाल करें।
क्या होता है डार्क वेब: डार्क वेब एक ऐसा प्लेटफॉर्म होता है जहां पर हैकर्स द्वारा डेबिट/क्रेडिट कार्ड जैसी संवेदनशील जानकारियां बेचने का गैरकानूनी काम किया जाता है। यह इंटरनेट का वह हिस्सा होता है जिसे आमतौर पर इस्तेमाल किए जाने वाले सर्च इंजन से एक्सेस नहीं किया जा सकता। इसे साइबर अपराधियों की काली दुनिया भी कहा जाता है।