पर्यावरण मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने शुक्रवार को संसद में कहा कि प्रदूषण से किसी की भी आयु कम नहीं होती। उन्होंने कहा कि लोगों के बीच फालतू में डर पैदा नहीं किया जाना चाहिए। केंद्रीय मंत्री ने कहा कि इंडियन स्टडी में प्रदूषण से उम्र कम होने की बात सामने नहीं आई है।
हालांकि इससे पहले कई स्टडीज में कहा जा चुका है कि प्रदूषण से जान का खतरा और आयु के घटती है। दरअसल काकोली घोष ने सवाल किया था कि कई अध्ययनों में यह बात सामने आई है कि प्रदूषण से साढ़े चार साल उम्र कम हो रही है और ऐसे में सरकार क्या कदम उठा रही है।
बता दें कि वाशिंगटन विश्वविद्यालय के ग्लोबल बर्डन ऑफ डिजीज स्टडी 2017 में इस बात का जिक्र किया गया है कि भारत के राज्यों में वायु प्रदूषण के चलते मृत्य, डिजीज बर्डन और आयु कम हो रही है। स्टडी में पाया गया कि भारत में कुल मौतों में 12.5 फीसदी मौतें वायु प्रदूषण के वजह से होती हैं।
Minister of Environment @PrakashJavdekar says, “Let us not create fear psychosis. Pollution problem is all over the globe but no Indian study shows pollution shortens life. “#Pollution #ClimateChange pic.twitter.com/mwlR6fcQAR
— Abhijeet Dipke (@abhijeet_dipke) December 6, 2019
वहीं प्रकाश जावड़ेकर के इस तर्क पर सोशल मीडिया पर वह ट्रोल हो गए। यूजर्स ने इस पर तरह-तरह की प्रतिक्रियाएं दीं। एक यूजर ने कहा कि फिर प्रदूषण कंट्रोल करने के लिए इतना फालतू का खर्च क्यों करते हो। कोई मर थोड़ी न जाएगा। बंद करो सीएनजी, इलेक्ट्रिक व्हीकल।’
एक यूजर कहते हैं ‘इन लोगों को कौन समझाएगा कि हम कितने बड़े स्तर पर खतरे से जुझ रहे हैं।’
वहीं कांग्रेस सदस्य गौरव गोगोई ने कहा कि प्रदूषण पर अंकुश लगाने के लिए पुराने कानूनों में संशोधन होना चाहिए जिस पर जावड़ेकर ने कहा कि इस सुझाव पर विचार किया जा सकता है। बता दें कि दिल्ली-एनसीआर में वायु प्रदूषण के चलते लोगों को कई समस्याओं को सामना करना पड़ता है। हर साल दिवाली के बाद वायु प्रदूषण में बढ़ोतरी होती है। बीते दिनों प्रदूषण कई बार बेहद खराब श्रेणी में पहुंच गया था।