सर्दियों में कोहरे के बावजूद ट्रेनें लेट नहीं होंगी। भारतीय रेल के उत्तरी जोन ने इसके लिए खास तैयारी कर ली है। सुरक्षा और समयनिष्ठा के लिहाज से ट्रेनों में 2,648 फॉग सेफ्टी डिवाइस लगाई जाएंगी। यह ग्लोबल पोजिशनिंग सिस्टम (जीपीसी) आधारित इक्विपमेंट होता है, जो कि लोको पायलटों को आगामी सिग्नलों के पास कोहरे को लेकर पूर्व सूचना देता है। ट्रेनों को संचालन समय पर हो, इसके लिए ये डिवाइस रेलवे के कुछ अन्य जोन्स पर भी मुहैया कराई गई है। न्यूज एजेंसी पीटीआई के मुताबिक, पूर्वी मध्य जोन रेलवे को 877, उत्तरी मध्य रेलवे को 537, उत्तर पूर्वी रेलवे को 975, उत्तर पूर्वी फ्रंटियर रेलवे व उत्तर पश्चिमी रेलवे को ऐसी 802 डिवाइस उपलब्ध कराई गई हैं।
रेलवे के एक जोन में जीएम टीपी सिंह के हवाले से रिपोर्ट में बताया गया कि ये फॉग सेफ्टी डिवाइस सभी मेल/एक्सप्रेस व पैसेंजर ट्रेनों को मुहैया कराई जाएंगी। महीने के अंत तक 600 ऐसी और डिवाइसें मंगाई जाएंगी, जबकि 5400 के लिए ऑर्डर दिए जा चुके हैं और वे आगामी तीन महीनों में रेलवे को मिल जाएंगी। कोहरे के दौरान इनकी मदद से न सिर्फ सुरक्षित यात्रा होगी, बल्कि ट्रेनों का आवागमन भी सही समय पर हो सकेगा।
कोहरे के दौरान भारतीय रेल इसके अलावा जगह-जगह फॉगमैन की तैनाती करेगा, जो रेल ट्रैक पर डेटोनेटर (विस्फोटक) लगाएंगे। ट्रेन जब इन विस्फोटकों के ऊपर से गुजरेगी, तो वहां हल्का सा धमाका होगा और आवाज आएगी, जिससे लोको पायलट आगे के हालात के बारे में सचेत हो जाएगा। उस दौरान ऑटोमैटिक सिगनलिंग सिस्टम भी सेमी ऑटोमैटिक सिग्नल सिस्टम में तब्दील हो जाएगी। वहीं, स्टेशन स्टाफ को भी वॉकी-टॉकी सेट मुहैया कराए जाएंगे।
इतना ही नहीं, कोहरे वाले समय के दौरान लोको पायलट्स को सिग्नल इंडिकेशन बुकलेट और कांउसलिंग भी मुहैया कराई जाएगी। लोको पायलट्स और गार्ड्स को इस संबंध में ट्रेनिंग भी मिलेगी। इससे पहले, रेलवे ने 2017 में ऑटो एसएमएस सेवा शुरू (दिल्ली डिविजन में) की थी। बताया जा रहा है कि वह सेवा इस साल भी इस्तेमाल में लाई जाएगी।