Indian Railways: भारतीय रेल ने छोटी दूरी के सफर (इंटर-सिटी यात्रा) के लिए ट्रेन 18 जैसी ही लग्जरी मेनलाइन इलेक्ट्रिकल मल्टिपल यूनिट (मेमू) ट्रेन तैयार कर ली है। तमिलनाडु के चेन्नई शहर स्थित इंटीग्रल कोच फैक्ट्री (आईसीएफ) में इसे तैयार किया गया है। यह ट्रेन 110 से 130 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से दौड़ेगी।
आईसीएफ के मुताबिक, भारतीय रेल की मौजूदा मेमू ट्रेनें कन्वेंशनल डीसी ट्रैक्शन सिस्टम पर चलती हैं। यह ट्रैक्शन यंत्र ड्राइविंग मोटर कोच में लगा होता है, जिससे यात्रियों के बैठने के लिए कम जगह बचती है। पर नई मेमू के कोच 21.3 एम के बजाय 23.1 एम के होंगे।
मौजूदा मेमू में 2402 यात्री सफर कर सकते हैं। मगर ट्रेन 18 जैसी नई मेमू में 2618 यात्री यात्रा कर सकेंगे। मेमू की रैक में दो ड्राइविंग मोटर कोच (डीएमसी) और छह यात्री बोगियां (टीसी- ट्रेलर कोच) दिए गए हैं। ट्रेन 18 की ही तरह नई मेमू के संचालन से पहले उसके प्रोटोटाइप का आरडीएसओ ट्रायल होगा।
ट्रेन 18 जैसी इस नई मेमू की क्या हैं खूबियां? जानिएः
– मॉडर्न ट्रेन 18 सरीखी बोगियां, जिनमें डबल लीफ वाले स्लाइडिंग (खिसकाकर खोलने वाले) दरवाजे होंगे।
– सीसीटीवी, जीपीएस आधारित पैसेंजर इन्फॉर्मेशन व अनाउंसमेंट सिस्टम
– टॉक बैक सिस्टम (आपात्कालीन स्थिति में यात्री ड्राइवर्स से संपर्क कर सकेंगे)
– ट्रेन का संचालन 25 केवी एसी ओवरहेड ट्रैक्शन पर होगा।
– मेमू में रीजेनरेटिव ब्रेकिंग तकनीक इस्तेमाल की गई है, जो कि 35 फीसदी बिजली की बचत करेगी।
– स्टेनलेस स्टील कोच वाली बॉडी, ऐरोडायनैमिक आकार वाला ड्राइविंग एंड
– ड्राइवर कैब्स एसी होंगी
– स्क्रूलेस इंटीरियर पैनल, जिनमें बेहतरीन कुशन वाली सीटें मिलेंगी
– यात्री बोगी में दो टॉयलेट
– पतली एल्युमिनियम लगेज रैक, स्टेनलेस स्टील की स्लिप फ्री फ्लोरिंग

नई मेमू को बनाने में तकरीबन 26 करोड़ रुपए का खर्च आया है, जबकि वर्तमान में चल रहीं मेमू बनाने पर लगभग 25 करोड़ रुपए लगते हैं।
बता दें कि हाल ही में ट्रेन 18 को भारत में तैयार किया गया है, जिसे 25 दिसंबर को नई दिल्ली से वाराणसी के बीच चलाया जाएगा। कहा जा रहा है कि इस रूट पर पहली बार देश की सबसे ट्रेन दौड़ेगी। चूंकि 25 तारीख को दिवंगत पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी का जन्मदिन होता है, लिहाजा उसी दिन इसे लॉन्च कर पूर्व पीएम को श्रद्धांजलि दी जाएगी।

