केन्द्र सरकार ने 109 रूट के लिए 151 मॉडर्न ट्रेनें चलाने की मंजूरी दी है। विपक्षी पार्टियां सरकार के इस फैसले की निंदा कर रही है और उस पर रेलवे के निजीकरण का आरोप लगा रही है। अब कांग्रेस नेता गौरव वल्लभ ने भी सोशल मीडिया पर एक वीडियो पोस्ट कर सरकार से इस संबंध में तीन सवाल पूछे हैं। गौरव वल्लभ ने कहा कि “भारतीय रेल का हमारे जीवन पर और हमारी अर्थव्यवस्था पर बड़ा अहम रोल है। इसी कारण से हम 2017 से पूर्व रेल बजट आम बजट से अलग संसद में पेश होता था और पास कराया जाता था लेकिन 2017 में रेल बजट का विलय आम बजट में कर दिया गया।”
गौरव वल्लभ ने सरकार के खिलाफ आरोप लगाते हुए कहा कि “रेल बजट और आम बजट का विलय करने का कारण आज समझ आ रहा है दरअसल सरकार की मंशा रेलवे का निजीकरण करने की थी। गौरव वल्लभ ने कहा कि आज उसी को लेकर वह सरकार से तीन सवाल पूछना चाहते हैं, जिनका सरकार को जवाब देना चाहिए।”
कांग्रेस नेता गौरव वल्लभ ने पूछा कि रेलवे का संचालन अनुपात क्यों बढ़ गया है? अपनी बात समझाते हुए वल्लभ ने कहा कि संचालन अनुपात का मतलब है कि 100 रुपए की कमाई पर रेलवे का खर्च कितना है? 2013-14 में रेलवे का संचालन अनुपात 87.8 था, वो आज बढ़कर 120 क्यों हो गया है?
Some Relevant questions by @GouravVallabh ji on privatisation of some trains by Indian railways. pic.twitter.com/YxW4KHUrcF
— Rahul sharma (@rahulsharmacong) July 2, 2020
गौरल वल्लभ ने कहा कि “देश के 68 हजार किलोमीटर के रेलवे ट्रैक में से 50 फीसदी पर 96 फीसदी मालगाड़ी और यात्री गाड़ियां चलती हैं। अब सरकार ने 151 निजी ट्रेनों को भी इसी ट्रैक पर चलाने का ऐलान किया है। कांग्रेसी नेता ने कहा कि इससे होगा क्या कि निजी ट्रेनों को संचालन में प्राथमिकता दी जाएगी और सरकारी गाड़ियों को स्टेशनों पर देर तक रोककर रखा जाएगा।”
अपने तीसरे सवाल में गौरव वल्लभ ने कहा कि “देश के सभी रेलवे स्टेशनों का निर्माण देश के करदाताओं के पैसे से हुआ है। देश के करोड़ो किसानों ने रेलवे ट्रैक बिछाने के लिए जमीन मुफ्त में सरकार को दी थी। अब यदि केन्द्र सरकार निजी ट्रेनों का संचालन करना चाहती है तो उसे निजी रेलवे स्टेशन और निजी रेलवे ट्रैक भी बनाने चाहिए।”