Indian Railways: भारतीय रेलवे अपनी महत्वाकांक्षी एल्यूमिनियम बॉडी वाली ट्रेन 20 प्रोजेक्ट को बंद कर सकती है। इस प्रोजेक्ट को वंदे भारत ट्रेन या ट्रेन 18 की अगली कड़ी माना जा रहा था। बिजनेस स्टैंडर्ड की खबर के अनुसार ट्रेन 18 के दो बड़े टेंडर तकनीकी कारणों के कारण खारिज हो चुके हैं।

रेलवे की तरफ से जल्द ही तीसरा टेंडर जारी किया जाएगा। इस टेंडर में 37 ट्रेनों के लिए 1300 करोड़ रुपये की निविदाएं आमंत्रित की जाएंगी। सूत्रों का कहना है कि रेलवे ट्रेन 20 प्रोजेक्ट को बंद कर सकता है। इसका कारण है कि एल्यूमिनियम बॉडी को छोड़कर ट्रेन 20 की सभी खूबियां वंदे भारत एक्सप्रेस में शामिल कर ली गई हैं।

पहले 43 ट्रेनों के लिए निविदाएं आमंत्रित की गई थीं जिनमें से केवल तीन ही प्राप्त हुईं। इसमें एक स्पेन की कंपनी सीएएफ और मेधा ग्रुप ने दी। मेधा ग्रुप वंदे भारत ट्रेन की आपूर्ति में भी शामिल है। इसके बाद दूसरे टेंडर में 37 ट्रेन-18 का टेंडर जारी किया गया था जो रद्द हो गई।

इनमें पहले रेक पर 100 करोड़ रुपये खर्च किए जा चुके हैं। इसके अलावा प्रोपल्शन सिस्टम पर भी 35 करोड़ रुपये खर्च किए जा चुके हैं। इस परियोजना से जुड़े दो लोगों ने इस बात की पुष्टि की कि ट्रेन-20 प्रोजेक्ट को लगभग रोका जा चुका है। हालांकि, ट्रेन 18 के तीसरे टेंडर में बड़ी मल्टीनेशनल कंपनियों के शामिल होने की उम्मीद है।

मालूम हो कि वंदे भारत सीरीज की दूसरी ट्रेन जल्द ही नई दिल्ली से कटरा के बीच चलने वाली है। रेलवे इस संबंध में प्रधानमंत्री कार्यालय से अंतिर रूप से हरी झंडी मिलने का इंतजार कर रहा है। पहले के निविदाओं के पटरी से उतरने के बाद आईसीएफ की तरफ से 2021-22 तक 45 वंदे भारत ट्रेन मिलने में देरी हो सकती है।

केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल ने पहली वंदे भारत ट्रेन के शुरू होने के मौके पर कहा था कि इस तरह की 100 ट्रेन लाने की योजना है। पहली वंदे भारत एक्सप्रेस ट्रेन 15 फरवरी को नई दिल्ली से वाराणसी के बीच चली थी। इस ट्रेन में करीब 80 फीसदी स्वदेशी कल-पुर्जे लगे हैं।