रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने लोकसभा में 280 किलोमीटर प्रति घंटा रफ्तार की नई ट्रेन से जुड़ी जानकारी दी है। उन्होंने बुधवार को संसद को बताया कि इंटीग्रल कोच फैक्टरी, चेन्नई में बीईएमएल के साथ मिलकर हाई-स्पीड ट्रेन सेट का डिजाइन बनाया जा रहा है। इसकी स्पीड 280 किलोमीटर प्रति घंटा होगी। अश्विनी वैष्णव ने लोकसभा में एक सवाल के लिखित उत्तर में कहा कि ‘मेक इन इंडिया’ पहल के तहत वंदे भारत ट्रेनों की कामयाबी के बाद भारतीय रेलवे ने अब हाई-स्पीड ट्रेन सेट का डिजाइन बनाना शुरू कर दिया है।
वंदे भारत से भी ज़्यादा स्पीड?
वंदे भारत एक सेमी-हाई स्पीड ट्रेन है, जिसे 2019 में लॉन्च किया गया था। इसकी अधिकतम स्पीड 160 से 180 किलोमीटर प्रति घंटा है। जिस नई ट्रेन का ज़िक्र रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने किया है, उसकी रफ्तार 280 किलोमीटर प्रति घंटा है। यह वंदे भारत से भी तेज होगी। सांसद में बीजेपी के सांसदों सुधीर गुप्ता और अनंत नायक द्वारा पूछे गए सवाल का जवाब देते हुए रेल मंत्री ने बताया कि निर्माण लागत लगभग 28 करोड़ रुपये है।
रेल मंत्री ने जापान के साथ तकनीकी और वित्तीय सहायता के साथ निष्पादित की जा रही मुंबई-अहमदाबाद हाई स्पीड रेल (एमएएचएसआर) परियोजना पर ताजा जानकारी भी प्रदान की। उन्होंने कहा कि इस परियोजना के तहत अब तक 336 किलोमीटर पियर फाउंडेशन, 331 किलोमीटर पियर निर्माण, 260 किलोमीटर गर्डर कास्टिंग और 225 किलोमीटर गर्डर लॉन्चिंग पूरी हो चुकी है।
वंदे भारत की स्पीड को लेकर उठ रहे सवाल
एक आरटीआई के जवाब में रेलवे मंत्रालय ने कहा कि साल 2020-21 में वंदे भारत ट्रेन की औसत गति 84.48 किमी प्रति घंटा थी। लेकिन साल 2023-24 में इसी वंदे भारत ट्रेन की औसत गति 76.25 किमी प्रति घंटा पर आ गई है। इसको लेकर रेलवे एक अधिकारी ने बताया कि वंदे भारत ही नहीं बल्कि देश में चलने वाली कई ट्रेनों के स्पीड में उन स्थानों पर कमी आई है, जहां बड़े पैमाने पर बुनियादी कार्य चल रहा है।