राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने देश में अफ्रीकी नागरिकों पर कथित हमलों की घटनाओं को लेकर चिंता जताते हुए सोमवार को कहा कि अगर भारत के लोग ‘अफ्रीका के साथ मित्रता की हमारी लंबी परंपरा को कमजोर करते हैं’ तो यह बहुत दुर्भाग्यपूर्ण होगा। मिशन प्रमुखों के सातवें वार्षिक सम्मेलन के प्रतिनिधियों को संबोधित करते हुए मुखर्जी ने कहा, अगर भारत के लोग अफ्रीका के लोगों के साथ मित्रता और अफ्रीकी लोगों का अपने यहां हमेशा स्वागत करने की लंबे समय से चली आ रही हमारी परंपरा को कमजोर करते हैं तो यह बहुत दुर्भाग्यपूर्ण होगा। भारत में अफ्रीकी छात्रों को अपनी सुरक्षा को लेकर डरने की कोई वजह नहींं होनी चाहिए। उन्होंने कहा कि ऐसी कोई धारणा नहीं बननी चाहिए जो हमारी प्राचीन सभ्यता के हमारे तानेबाने और मुख्य मूल्यों के अनुसार नहीं हो।
राष्ट्रपति ने कहा, हमें भारत और अफ्रीका के बीच के पुराने संबंधों के बारे में अपने नौजवानों में सही ढंग से जागरूकता पैदा करनी चाहिए जो शायद इस इतिहास को नहीं जानते हैं। भारत का अफ्रीकी देशों के साथ सदियों से व्यापार संबंध रहा है और 54 अफ्रीकी देशों में हर जगह अच्छा-खासा भारतीय समुदाय है जो कारोबार, उद्योग में लगा है। उन्होंने कहा, हम इन सबको पटरी से उतरने और ऐसी खराब परंपरा बनने की इजाजत नहीं दे सकते जो हमारी प्राचीन सभ्यता के मूल मूल्यों से मेल नहीं खाता है।
राष्ट्रपति ने कहा कि वे इससे खुश हैं कि विदेश मंत्रालय गृह मंत्रालय के साथ सामंजस्य के साथ काफी सक्रियता से आगे बढ़ रहा है और भारत में अफ्रीकी नागरिकों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए प्रशासन के साथ मिलकर काम कर रहा है।
उन्होंने कहा कि भारत के लोगों और अफ्रीका के लोगों के बीच संबंध पुराने हैं। मुखर्जी ने कहा, राजनीतिक कार्यकर्ता, सांसद के तौर पर मैंने देखा है कि हम (भारत और अफ्रीका) एक दूसरे के कितने निकट हैं। करीब एक सदी पहले रवींद्रनाथ ठाकुर ने अफ्रीका शीर्षक से खूबसूरत कविता लिखकर रंगभेद के खिलाफ अपना आक्रोश और दुख प्रकट किया था।
राष्ट्रपति ने कहा कि मिस्र के गमाल अब्दुल नासिर और घाना के क्वामे नकरूमा 1955 में अफ्रीका-एशिया सम्मेलन के दौरान जवाहरलाल नेहरू के साथ कंधे से कंधा मिलाकर खड़े रहे। उन्होंने कहा, नेलसन मंडेला गांधी के सिद्धांतों के मूर्त रूप थे। भारत ने अफ्रीका में उपनिवेशवाद और रंगभेद के खिलाफ लंबे अंतरराष्ट्रीय संघर्ष का नेतृत्व किया था। मुखर्जी ने कहा कि 1946 में भारत सरकार ने फैसला किया था कि रंगभेद खत्म होने तक दक्षिण अफ्रीका के साथ कोई व्यापार संबंध नहीं होगा।
इस बीच अफ्रीका के लोगों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के भारत के आश्वासन के संदर्भ में अफ्रीकी देशों के राजदूत ‘प्रतीक्षा करने और देखने’ की नीति पर अमल कर रहे हैं। इससे पहले उन्होंने पिछले सप्ताह कांगो के एक नागरिक ओलिवर की मौत के बाद ‘नस्लवाद और अफ्रीका को लेकर फोबिया’ के खिलाफ ठोस कदम उठाने की मांग की थी। सोमवार को ओलिवर के परिजन कांगो से नई दिल्ली आए और भारतीय अधिकारियों से मिले। भारत सरकार ने भरोसा दिलाया है कि इस मामले में त्वरित कार्रवाई होगी और दोषियों को सजा मिलेगी।
उधर ‘अफ्रीकन ग्रुप हेड आॅफ मिशंस’ के डीन और इरीट्रिया के राजदूत आलम सेहागे वोल्डमरियम ने कहा कि अफ्रीकी राजदूतों द्वारा जताई की गई चिंताओं पर कार्रवाई करना भारत सरकार का काम है। वोल्डमरियम ने भारत में बसे अफ्रीकियों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए कड़े कदम उठाने की मांग करते हुए कड़ा वक्तव्य जारी किया था।
यह पूछने पर अफ्रीकी नागरिकों पर ताजा हमलों की घटनाओं के बाद राजनयिकों का यह समूह इस मुद्दे को फिर से भारत के समक्ष उठाएगा तो उन्होंने कहा, बहरहाल, हमें जो कुछ कहना था, वह हमने अफ्रीका दिवस पर कहा। अब यह भारत सरकार पर है कि वह हमें दिए आश्वासन पर कदम उठाए।
उनकी राय का समर्थन करते हुए एक अफ्रीकी राजनयिक ने कहा कि अफ्रीकी देश भारतीय विदेश मंत्रालय की ओर से अफ्रीका के नागरिकों की सुरक्षा बढ़ाने के आश्वासन पर कार्रवाई किए जाने की प्रतीक्षा कर रहे हैं। बीते 25 मई को जारी अपने बयान में वोल्डमरियम ने कहा था कि ‘नस्लवाद और अफ्रीका को लेकर फोबिया’ के खिलाफ ठोस कदम उठाने की जरूरत है।
इस बीच केंद्रीय गृह राज्य मंत्री किरण रिजीजू ने सोमवार रात दिल्ली के पुलिस आयुक्त से बात की और उनसे अफ्रीकी नागरिकों पर हमलों में शामिल लोगों के खिलाफ त्वरित कार्रवाई करने को कहा। उन्होंने ट्वीट किया, त्वरित कार्रवाई और स्थानीय लोगों को संवेदनशील बनाने के लिए पुलिस आयुक्त से बात की है। हम भारत की छवि को धूमिल नहीं होने दे सकते। इससे पहले रिजीजू ने कहा था कि अगर इन हमलों में नस्ली पहलू पाया गया तो कड़ी से कड़ी कार्रवाई की जाएगी। गृह मंत्री राजनाथ सिंह ने रविवार को दिल्ली पुलिस आयुक्त से कहा था कि अफ्रीकी नागरिकों पर हमलों में शामिल लोगों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाए।
इससे पहले किरण रिजीजू ने कहा, अगर इनमें से किसी भी मामले में रंगभेदी हमला पाया गया तो कड़ी से कड़ी कार्रवाई की जाएगी। मंत्री इस सवाल का जवाब दे रहे थे कि हाल में दिल्ली में अफ्रीकी नागरिकों पर हमले की घटनाएं क्या रंगभेद के कारण हो रही हैं।
उन्होंने कहा, हमने सभी घटनाओं को काफी गंभीरता से लिया है। कार्रवाई की जा रही है और कुछ गिरफ्तारियां हो चुकी हैं। एक टैक्सी चालक पर अफ्रीकी नागरिकों के एक समूह द्वारा कथित तौर पर हमले के बारे में रिजीजू ने कहा कि जो भी कानून अपने हाथ में ले रहा है उसे दंडित किया जाएगा। उन्होंने कहा, कानून-व्यवस्था बनाए रखना हमारी जिम्मेदारी है। चाहे भारतीय नागरिक हो या विदेशी नागरिक जो कोई भी कानून अपने हाथ में लेता है उसे बख्शा नहीं जाएगा।