Indian Navy: भारतीय नौसेना ने अरब सागर में लगभग 40 घंटे चले बचाव अभियान में 35 समुद्री लुटेरों को आत्मसमर्पण के लिए मजबूर कर दिया। सोमाली के समुद्री डाकुओं के खिलाफ 40 घंटे इंडियन नेवी के ऑपरेशन के बाद एक बड़ी कामयाबी हाथ लगी है। तीन महीने पहले डाकुओं द्वारा हाइजैक किए गए जहाज को सुरक्षित बचा लिया गया है। इसके अलावा पूर्व मर्चेंट शिप रुएन के चालक दल के 17 सदस्यों को भी सुरक्षित निकाल लिया है।

समुद्री डाकुओं ने पिछले साल दिसंबर में एमवी रुएन का अपहरण कर लिया था। इस क्षेत्र से गुजरने वाले दूसरे जहाजों को अपहरण करने के लिए माल्टीज-ध्वजांकित थोक मालवाहक जहाज का इस्तेमाल कर रहे थे। नौसेना ने बताया कि अवैध हथियारों, गोला-बारूद और कई बैन की गई चीजों को भी जब्त किया गया है। एमवी रुएन जहाज को सुरक्षित तरीके से भारत लाया जाएगा।

इंडियन नेवी ने 40 घंटे चलाया ऑपरेशन

इंडियन नेवी के अधिकारी ने कहा कि आईएनएस कोलकाता ने समुद्री डाकूओं के जहाज के करीब अपनी स्थिति बनाए रखते हुए कड़ी कार्रवाई की थी। इसके बाद समुद्री डाकुओ ने आत्मसमर्पण कर दिया और एमवी रुएन और जहाज पर मौजूद उसके चालक दल को भी रिहा कर दिया। इंडियन नेवी द्वारा चलाए गए ऑपरेशन में आईएनएस कोलकाता को आईएनएस सुभद्रा और समुद्री कमांडो (प्रहार्स) का भी साथ मिला था। इनको शनिवार को इंडियन एयर फोर्स के सी-17 विमान द्वारा नीचे उतारा गया था। इसके अलावा हाई एल्टीट्यूड लॉन्ग एंड्योरेंस (HALE) विमान और P8I समुद्री टोही विमान को भी निगरानी में रखा था।

दिसंबर से घटनाओं में हुई बढ़ोतरी

डाकुओं ने नेवी के जहाज पर गोलीबारी की और नेवी के द्वारा लॉन्च किए गए ड्रोन को मार गिराया। हाल ही के दिनों में यह पहला मामला है जब समुद्री डाकुओं को हिरासत में लिया गया है और मुकदमा चलाने के लिए भारत लाया गया है। जनवरी और फरवरी माह में नेवी ने समुद्र में डकैती की कई घटनाओं को कामयाब नहीं होने दिया था और कई ईरानी और पाकिस्तानी नागरिको को बचाया था। पिछले कुछ सालों में डकैती की घटनाओं में कुछ कमी आई थी लेकिन पिछले साल दिसंबर में इसमें बढ़ोतरी देखने को मिली है।