देश का पहला अंडरवाटर म्यूजियम पुडुचेरी के नजदीक बनाने की योजना बन रही है। इस म्यूजियम के लिए नौसेना अपना एक जहाज डुबोएगी, जिसे बाद में म्यूजियम की शक्ल दी जाएगी। खबर के अनुसार, नौसेना अगले कुछ महीनों में समुद्र में खुदाई करने वाले जहाज आईएनएस कुड्डालोर को डुबाएगी। यह जहाज पुडुचेरी कोस्ट से 7 किलोमीटर की दूरी पर डुबोया जाएगा। देश का पहला अंडरवाटर म्यूजियम बनाने के लिए एक एनजीओ PondyCan और चेन्नई बेस्ड दो सरकारी लैबोरेट्रीज नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ ओसीन टेक्नोलॉजी (NIOT) और नेशनल सेंटर फॉर कोस्टल रिसर्च (NCCR) के साथ ही पुडुचेरी सरकार ने हाथ मिलाया है।
टाइम्स ऑफ इंडिया की एक खबर के अनुसार, म्यूजियम बनाने के लिए योजना है कि जहाज को डुबोने के कुछ हफ्ते बाद ही उसकी स्टील पर शैवाल वगैरह का परत बननी शुरु हो जाएगी। कुछ केमिकल कंपाउंड जैसे प्रोटीन और पॉलीसैकेराइड की मदद से जहाज की बाहरी और अंदरुनी परत माइक्रो ऑर्गेनिज्म, पौधे, शैवाल आदि उगाए जाएंगे। माना जा रहा है कि इसके बाद यहां समुद्र में पाए जाने वाले बार्नकल्स बनेंगे और फिर वक्त के साथ-साथ यहां मछलियां, कछुए आदि जहाज की वैसल में आना शुरु हो जाएंगे। जैसे ही जहाज में एक इकोसिस्टम बनकर तैयार होगा, यहां और समुद्री जीव आना शुरु कर देंगे। फिलहाल यह प्रोजक्ट नेशनल कोस्टल जोन मैनेजमेंट से क्लीयरेंस मिलने का इंतजार कर रहा है।
इस प्रोजेक्ट को बनाने में शामिल नेशनल लैबोरेट्रीज NIOT और NCCR ने इस म्यूजियम को बनाने के लिए पुडुचेरी के कोस्टल एरिया में रिसर्च की है और रिसर्च के बाद इस प्रोजेक्ट की रिपोर्ट तैयार की है। इस रिपोर्ट में मौसम का इस म्यूजियम पर पड़ने वाला प्रभाव, समुद्री जीवों पर पड़ने वाला प्रभाव, नेवीगेशनल समस्या और म्यूजियम वाली जगह पर धाराओं की गति आदि का अध्ययन किया गया है। इसके अलावा इस म्यूजियम में आने वाले पर्यटकों की सुरक्षा को लेकर भी रिसर्च की गई है। फिलहाल एक टीम ने डुबोए जाने वाले जहाज का मुआयना किया। जहाज के दरवाजे हटा दिए गए हैं, ताकि समुद्री जीवों को जहाज के अंदर जाने में कोई परेशानी ना हो। इस म्यूजियम में पर्यटक तैरकर जा सकेंगे और समुद्री जीवों के साथ तैराकी भी कर सकेंगे। इसके लिए पर्यटकों को सुरक्षा उपकरण भी मुहैया कराए जाएंगे।