हाल ही में मुंबई में नौसेना को सौंपी गई प्रोजेक्ट -15बी क्लास गाइडेड मिसाइल डिस्ट्रायर ‘इम्फाल’ एक ऐसा युद्धपोत है, जो सेना की ताकत में जबर्दस्त इजाफा करेगा। इससे न केवल चीन और पाकिस्तान के खिलाफ भारत की समुद्री ताकत में मजबूती आएगी, बल्कि यह भारत की रक्षा आत्मनिर्भरता के उद्देश्य को भी पूरा करेगा।
पूरी तरह से स्वदेशी तकनीक से बनाया गया युद्धपोत
स्वदेशी स्टील्थ गाइडेड मिसाइल विध्वंसक की खासियत यह है कि इसे दुश्मन अपने रडार में नहीं पकड़ सकेगा। यह सतह से सतह में मार करने वाली मिसाइल और सतह से हवा में मार करने वाली मिसाइलों से पूरी तरह लैस है। 16-16 मिसाइल के दो वर्टिकल लांचर से कुल 32 मध्यम रेंज सतह से हवा में मिसाइल दागने की क्षमता है। इसके अलावा एंटी सर्फेस वारफेयर के लिए ब्रहोस एंटी शिप मिसाइल सिस्टम भी लगा हुआ है।
इंफाल और कोहिमा की लड़ाई के नाम पर रखा गया नाम
भारतीय नौसेना ने 20 अप्रैल 2019 को मुंबई के मझगांव डॉक शिपबिल्डर्स में प्रोजेक्ट 15-बी के तहत तीसरे जहाज गाइडेड मिसाइल विध्वंसक इंफाल को लॉन्च किया था। इसका नाम इंफाल और कोहिमा की लड़ाई के नाम पर रखा गया है जो 75 साल पहले लड़ी गई थी।
रक्षामंत्री राजनाथ सिंह 28 नवंबर को करेंगे अनावरण
प्रोजेक्ट 15बी गाइडेड मिसाइल के तीसरे स्टील्थ ड्रिस्ट्रॉयर द क्रेस्ट ऑफ यार्ड 12706 (इंफाल) का अनावरण 28 नवंबर को रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह करेंगे। इस मौके पर मणिपुर के मुख्यमंत्री एन बीरेन सिंह और रक्षा मंत्रालय और मणिपुर सरकार के कई वरिष्ठ अधिकारी भी मौजूद रहेंगे।
विध्वंसक युद्धपोत ‘इम्फाल’ में बीम की लंबाई 163 मीटर और 17.4 मीटर है और विस्थापन 7.300 टन है। यह चार गैस टर्बाइनों से संचालित होता है और 30 समुद्री मील से अधिक की गति से चलता है। पहले लॉन्च किए गए युद्धपोतों विशाखापत्तनम और मार्मुगाओ की तरह इंफाल भी दो मल्टीपल रोल हेलीकॉप्टरों को ले और संचालित कर सकता है।
नौसेना के एक आधिकारिक बयान के अनुसार पतवार के आकार और रडार पारदर्शी डेक फिटिंग के इस्तेमाल से उच्च स्टील्थ सुविधाएं हासिल की गई हैं, जिससे इन जहाजों का पता लगाना मुश्किल हो जाता है। ये जहाज अत्याधुनिक हथियारों और सेंसरों से भरे हुए हैं, जिनमें मल्टी फंक्शनल निगरानी रडार और तट, समुद्र-आधारित और हवाई लक्ष्यों पर लंबी दूरी की मारक क्षमता के लिए वर्टिकली लांच्ड मिसाइल प्रणाली शामिल है।