पाकिस्तान द्वारा सोमवार को हिरासत में लिए गए इस्लामाबाद उच्चायोग में तैनात दो भारतीय अधिकारियों ने अपनी आपबीती बतायी है। अधिकारियों ने बताया कि उनसे 6 घंटे पूछताछ की गई और इस दौरान उन्हें लाठी-छड़ी आदि से पीटा गया। इसके साथ ही उन्हें गंदा पानी पिलाया गया। एक अधिकारी ने बताया कि दोनों भारतीय नागरिकों को सोमवार को इस्लामाबाद में स्थित भारतीय उच्चायोग के पास के पेट्रोल पंप से सुबह 8.30 के करीब उठाया गया था।

जानकारी के अनुसार, 6 वाहनों में आए करीब 15-16 लोग दोनों भारतीय नागरिकों को हाथ और आंख पर पट्टी बांधकर अपने साथ ले गए थे। इसके बाद उच्चायोग के स्टाफ के एक अज्ञात जगह ले जाया गया, जहां उनसे करीब 6 घंटे पूछताछ की गई। इस दौरान उन्हें पीटा गया।

पहचान जाहिर ना करने की शर्त पर एक अधिकारी ने बताया कि भारतीय नागरिकों से उच्चायोग और उसमें काम करने वाले लोगों के बारे में जानकारी ली गई। पाकिस्तानी मीडिया में चल रही रिपोर्ट्स के अनुसार, दोनों भारतीय नागरिकों को एक पैदल चल रहे व्यक्ति में टक्कर मारने के आरोप में हिरासत में लिया गया था।

अधिकारियों का कहना है कि उच्चायोग के स्टाफ की जबरन ऐसी वीडियो बनायी गई, जिनमें वह एक्सीडेंट की बात को कबूलते दिखाई दे रहे हैं। साथ ही उन्हें यह भी धमकी दी गई कि भविष्य में भारतीय उच्चायोग के अन्य स्टाफ के साथ ही ऐसा ही सलूक किया जा सकता है।

भारतीय विदेश मंत्रालय ने जब नई दिल्ली स्थित पाकिस्तानी उच्चायोग के सामने कड़ा विरोध जताया, उसके बाद सोमवार रात करीब 12 घंटे हिरासत में रखने के बाद दोनों भारतीय नागरिकों को रिहा किया गया। हिरासत से छोड़े जाने के बाद दोनों भारतीय नागरिक ठीक से चल भी नहीं पा रहे हैं, साथ ही उनकी गर्दन, चेहरे और टांगों पर चोट के निशान हैं।

आरोप लगाया जा रहा है कि भारतीय उच्चायोग के स्टाफ की कार से 10 हजार रुपए की नकली करेंसी बरामद हुई है। हालांकि भारतीय उच्चायोग के स्टाफ ने इन खबरों को झूठा करार दिया है। बीते दिनों भारत ने पाकिस्तान उच्चायोग के दो अधिकारियों को जासूसी के आरोप में वापस डिपोर्ट कर दिया था। माना जा रहा है कि पाकिस्तान ने उसी के बदले में भारतीय उच्चायोग के कर्मचारियों को प्रताड़ित करना शुरू कर दिया है।