भारत दक्षिण सूडान से अपने नागरिकों को निकालने की योजना बना रहा है। वहां सरकार समर्थक और विरोधी गुटों के बीच संघर्षों के चलते हिंसक घटनाएं बढ़ गई हैं। भारतीय नागरिकों को युद्धग्रस्त देश में ना जाने की ताकीद की गई है। विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने ट्वीट कर कहा, ‘दक्षिण सूडान-मुझे दक्षिण सूडान के घटनाक्रम की जानकारी है। हम भारतीय नागरिकों को निकालने की योजना बना रहे हैं।’ उन्होंने कहा, ‘खुद को भारतीय दूतावास में पंजीकृत कराएं और डरें नहीं। भारतीय नागरिकों को दक्षिण सूडान की यात्रा न करने की हिदायत दी जाती है।’
दक्षिण सूडान में भारत के दूतावास ने कल वहां फंसे भारतीयों से शांत रहने को कहा था और आश्वासन दिया था कि वह भारत में अधिकारियों के साथ निरंतर संपर्क में हैं और दक्षिण सूडान में सेना और पूर्व बागियों के बीच भीषण संघर्ष के हालात में उनकी राहत के लिए तमाम विकल्पों पर विचार किया जा रहा है। परामर्श में कहा गया है, ‘भारतीय दूतावास भारत में संबद्ध अधिकारियों के संपर्क में है और जुबा में फंसे भारतीयों को सहायता पहुंचाने के तमाम विकल्पों पर विचार किया जा रहा है। सब से गुजारिश है कि शांत रहें और आगे के घटनाक्रम तथा दूतावास से अगली सूचना का इंतजार करें।’
आधिकारिक आंकड़ों के अनुसार दक्षिण सूडान में कुछ सौ भारतीय हैं। इनमें से कुछ के जुबा में अपने काम धंधे हैं और अन्य विभिन्न कंपनियों में काम करते हैं। कुछ भारतीय वहां ईसाई धर्मार्थ संस्थाओं में भी काम करते हैं। विदेश मंत्रालय ने अपने ताजा परामर्श में कहा, ‘दक्षिण सूडान की राजधानी जुबा में 7 जुलाई 2016 से हालात बिगड़े हुए हैं। हमें जुबा की सड़कों पर गोलीबारी और संघर्ष की खबरें मिली हैं, जिससे आवाजाही लगभग नामुमकिन हो गई है।’ परामर्श में कहा गया, ‘विदेश मंत्रालय भारतीय नागरिकों को हालात सुधरने तक दक्षिण सूडान की तरफ न जाने की ताकीद करता है।’