देश की अर्थव्यवस्था में आयी मंदी का असर अहम इंडस्ट्रियल सेक्टर्स पर भी पड़ा है। बता दें कि देश के 8 कोर इंडस्ट्रीज की ग्रोथ इस साल जुलाई माह में गिरकर सिर्फ 2.1 प्रतिशत रह गई है, जो कि बीते साल इस माह में 7.3 प्रतिशत थी। सरकार ने सोमवार को आंकड़े पेश किए। इन आंकड़ों के अनुसार, जिन इंडस्ट्री में ग्रोथ घटी है, उनमें कोल, क्रूड ऑयल, नेचुरल गैस, रिफाइनर प्रोडक्ट्स, फर्टिलाइजर, स्टील, सीमेंट और इलेक्ट्रिसिटी इंडस्ट्री शामिल है।
इन इंडस्ट्री में बीते साल के मुकाबले 5.2 प्रतिशत की गिरावटी आयी है। आंकड़ों के अनुसार, कोल, क्रूड ऑयल, नैचुरल गैस और रिफाइनरी प्रोडक्ट्स में तो जुलाई माह में नेगेटिव ग्रोथ दर्ज की गई है। बता दें कि जिन 8 कोर इंडस्ट्री की ग्रोथ में गिरावट दर्ज की गई है, वो देश के इंडेक्स ऑफ इंडस्ट्रियल प्रोडक्शन (IIP) का कुल 40.27 उत्पादों का उत्पादन करती हैं।
स्टील, सीमेंट और इलेक्ट्रिसिटी में भी बीते साल की ग्रोथ 7.9 प्रतिशत से घटकर 6.6 प्रतिशत रही। हालांकि फर्टिलाइजर आउटपुट में जुलाई 2018 के मुकाबले थोड़ी ग्रोथ देखी गई है और पिछले साल के 1.3 प्रतिशत के मुकाबले इस साल यह ग्रोथ 1.5 प्रतिशत रही।
बता दें कि सरकार का यह आंकड़ा ऐसे वक्त में आया है, जब देश में मैन्यूफैक्चरिंग और उपभोक्ता सेक्टर कमजोर चल रहा है। वहीं देश की जीडीपी पिछले 6 सालों के मुकाबले अपने सबसे निचले स्तर 5% पर पहुंच गई है। अप्रैल-जून माह में मैन्यूफैक्चरिंग सेक्टर की ग्रोथ बीते साल के 12.1 प्रतिशत से घटकर सिर्फ 0.6 प्रतिशत रह गई है।