Indian Illegal Immigration To America: अमेरिका पहुंचने की चाह रखने वाले भारतीयों के साथ किस तरह की धोखाधड़ी हुई, उन्हें कैसे झूठे वादे करके अमेरिका भेजने का ख्वाब दिखाया गया, उनसे पैसे वसूले गए, अमेरिका पहुंचने के दौरान उन्हें कितनी मुश्किलों का सामना करना पड़ा, यह बातें वहां से वापस लौटे लोग मीडिया और पुलिस को बता रहे हैं।
ऐसे लोगों में बड़ी संख्या हरियाणा, पंजाब और गुजरात के लोगों की है लेकिन गोवा के भी दो लोग ऐसे हैं जिनके साथ अमेरिका भेजे जाने के नाम पर लूट हुई है।
द इंडियन एक्सप्रेस को मिली जानकारी के मुताबिक, गोवा के दो लोग डंकी रूट के जरिए अमेरिका गए थे। यह दोनों लोग शनिवार रात को अमृतसर पहुंचे और रविवार दोपहर को गोवा के डाबोलिम एयरपोर्ट पर पहुंचकर उन्होंने पुलिस और हवाई अड्डे के अफसरों के सामने अपने बयान दर्ज कराए।
यह दोनों ही लोग साउथ गोवा के रहने वाले हैं। इनमें से एक युवक की उम्र 25 साल है। इस शख्स ने बताया कि उसने साल 2020 में एक कोर्स पूरा किया था और वह जहाज में काम करना चाहता था। पिछले साल सितंबर में जब वह गोवा के एक रिसॉर्ट में काम कर रहा था तो उसकी मुलाकात एक शख्स से हुई जो वास्को में कंसल्टेंसी चलाता था और उसने खुद को ‘कंसल्टेंट’ बताया।
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‘कंसल्टेंट’ ने दिया अमेरिका भेजने का झांसा
युवक के मुताबिक, इस ‘कंसल्टेंट’ ने दावा किया कि वह बिल्कुल कानूनी तरीके से लोगों को काम करने के लिए अमेरिका भेजता है। ‘कंसल्टेंट’ ने उससे 15 लाख रुपए मांगे और कहा कि वह उसे 3 महीने में अमेरिका भेज देगा और उसे वहां पर होटल में नौकरी भी दिलवा देगा। युवक ने ‘कंसल्टेंट’ की बातों में आकर उसे 10 लाख रुपए दे दिए और उसे अपने पासपोर्ट सहित और भी जरूरी दस्तावेज दे दिए। दोनों के बीच में यह समझौता हुआ था कि अमेरिका पहुंचने पर बाकी का पैसा दे दिया जाएगा।
गोवा का दूसरा पीड़ित युवक जिसकी उम्र 23 साल है उसने J1 वीजा के लिए अप्लाई किया था। उसने एक एजेंट को डेढ़ लाख रुपए भी दिए थे लेकिन तब वह अमेरिका नहीं जा पाया था। मई, 2024 में उसे वही ‘कंसल्टेंट’ मिला जो पहले वाले युवक को मिला था। ‘कंसल्टेंट’ की बातों में आकर उसने उसे 8 लाख रुपये दे दिए। ‘कंसल्टेंट’ ने उससे कहा कि वह उसे अमेरिका भेज देगा।
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‘कंसल्टेंट’ ने यह भी कहा कि अगर वह अमेरिका के अफसरों को यह बता देगा कि भारत में उसके दुश्मन हैं, जो उसे मारना चाहते हैं तो वह उसे अमेरिका में शरण दे देंगे। इस साल 20 जनवरी को यह दोनों ही युवक गोवा से मुंबई गए और उन्होंने इस्तांबुल के लिए अपनी फ्लाइट ली।
दीवार पर चढ़ने को लेकर किया टॉर्चर
यहां से दूसरी फ्लाइट में सवार होकर वे दोनों 22 जनवरी को मैक्सिको पहुंच गए। यहां उन्हें एक दिन के लिए एक होटल में रुकने के लिए कहा गया। अगले दिन उन दोनों को तिजुआना शहर ले जाया गया, जहां ‘कंसल्टेंट’ के सहयोगियों ने उन्हें सीढ़ी की मदद से दीवार को फांदकर सीमा पार करवा दिया। एक युवक ने पुलिस को दिये बयान में बताया कि वे दोनों दीवार पर नहीं चढ़ सकते थे इसके लिए उन्हें टॉर्चर किया गया। बाद में उन्हें बॉर्डर पर चाकू दिखाकर उनसे फोन, घड़ी और पैसे भी लूट लिए। दोनों से $300 और $380 लूट लिए गए।
‘कंसल्टेंट’ के साथियों ने उनसे कहा कि वे लोग अमेरिका की ओर भाग जाएं लेकिन अमेरिका की पेट्रोलिंग टीम ने उन्हें पकड़ लिया। इसके बाद उन्हें 20 दिन तक एक डिटेंशन सेंटर में रखा गया और फिर उन्हें वापस भेज दिया गया। इस मामले में एनआरआई मामलों के कमिश्नर नरेंद्र सवाईकर ने द इंडियन एक्सप्रेस से कहा कि वे गोवा के लोगों से अपील करते हैं कि जो भी कामकाज करने के लिए विदेश जाना चाहते हैं, वे प्रोटोकॉल का पालन करें और अपने सभी दस्तावेज तैयार रखें।
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