लद्दाख में LAC पर अकसर भारत और चीन के सैनिकों कई बार एलएसी पर पैट्रोलिंग के दौरान आमने-सामने आ जाते हैं। अब एएलएसी से चीनी सैनिकों द्वारा लद्दाख में एलएसी पर भारत के चरवाहों को अपने मवेशियों को चराने से रोकने की घटना सामने आई है।
द इंडियन एक्सप्रेस की एक रिपोर्ट के अनुसार, LAC पर अपनी भेड़ें चरा रहे लद्दाख के चरवाहों को चीनी पीएलए द्वारा रोका गया है। यह घटना पूर्वी लद्दाख के न्योमा में हुई। न्योमा चुशूल से 87 किमी दक्षिण में और चुमथांग से 40 किमी दूर है। इस घटना का एक वीडियो सोशल मीडिया पर भी वायरल हो रहा है।
चुशूल के काउंसलर ने इंडियन एक्सप्रेस से बातचीत में इस घटना की पुष्टि की है। उन्होंने बताया कि पीएलए द्वारा भारतीय चरवाहों को रोके जाने की घटना 2 जनवरी की है और अब इसे सुलझा लिया गया है।
वायरल हो रहा घटना का वीडियो
सोशल मीडिया पर वायरल हो रही घटना की वीडियो में दिखाई दे रहा है कि लद्दाख के चरवाहे चीनी सैनिकों का सामना कर रहे हैं। वीडियो में चीनी सैनिकों के पास एक वाहन भी देखा जा सकता है। इलाके में भारत का कोई भी सैनिक दिखाई नहीं दे रहा है।
वीडियो में लद्दाखी चरवाहों को चीनी सैनिकों का सामना करते हुए दिखाया गया है, जिनके साथ एक वाहन भी है। पीएलए सैनिकों को चरवाहों को इलाका छोड़ने के लिए कहते देखा जा सकता है। वीडियो में कोई भी भारतीय सैनिक नजर नहीं आ रहा है।
घटना के बारे में चुशूल के काउंसलर कोंचोक स्टैनज़िन सोशल मीडिया पर पोस्ट कर कहते हैं कि देखिए हमारे स्थानीय लोग पीएलए के सामने कैसे बहादुरी दिखा रहे हैं… यह क्षेत्र हमारे खानाबदोशों की चरागाह भूमि है। पीएलए हमारे खानाबदोशों को हमारे क्षेत्र में चरने से रोक रही है। ऐसा लगता है कि विभिन्न धारणाओं के कारण यह कभी न ख़त्म होने वाली प्रक्रिया है। लेकिन मैं हमारे खानाबदोशों को सलाम करता हूं, जो हमेशा हमारी भूमि की रक्षा के लिए खड़े रहते हैं और राष्ट्र की दूसरी गार्जियन फोर्स के रूप में खड़े होते है।
स्टैनज़िंग ने दावा किया कि घटना के समय समय चीन के सैनिक भारतीय क्षेत्र में लगभग एक किलोमीटर अंदर आ गए थे। आपको बता दें कि साल 2020 में, लद्दाख की गलवान घाटी में भारतीय और चीनी सैनिकों के बीच हिंसक झड़प हुई थी। इस घटा में भारत के 20 सैनिक शहीद हुए थे जबकि चीनी पीएलए के 40 सैनिक मारे गए थे।