सेना की सर्जिकल स्ट्राइक को लेकर एक रिपोर्ट में दावा किया गया है कि इसमें सबसे ज्यादा नुकसान पीओके के लीपा सेक्टर में हुआ। साथ ही सेना ने 20 आतंकियों को गिरफ्तार भी किया। अंग्रेजी वेबसाइट द क्विंट की रिपोर्ट में दावा किया गया है कि सेना ने दो बार सर्जिकल स्ट्राइक की। पहली 20 और दूसरी 27 सितंबर की रात में। इस दौरान सात ठिकानों पर हमला बोला गया। रिपोर्ट में सेना के उच्च पदस्थ सूत्रों के अनुसार इस स्ट्राइक को 9पैरा कमांडो ने अंजाम दिया और ये जवान उरी हमले के दो दिन बाद ही सीमा पार कर गए। 10 डोगरा और 6 बिहार रेजीमेंट ने इन्हें कवर दिया। सर्जिकल स्ट्राइक में निशाने पर लीपा घाटी के पास शम्सबाड़ी में मौजूद आतंकी ठिकाने थे। कमांडो ने ड्रोन के जरिए ग्राफिक इमेज ली और हमला बोला।रिपोर्ट के अनुसार जिन आतंकी ठिकानों को पाकिस्तानी सेना ने शील्ड नहीं कर रखा था उन्हें निशाना बनाया गया। इसके अनुसार डीजीएमओ ने बताया कि सेना ने 28-29 सितंबर की रात को हमला किया लेकिन ऐसा तीन दिन तक हुआ था।
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इसमें दावा किया गया है कि 20 जिंदा आतंकियों को गिरफ्तार भी किया गया। इन्हें बंधक बनाकर लाया गया। हालांकि इस बारे में आधिकारिक जानकारी नहीं दी गई है। इस ऑपरेशन को गुप्त रखने के लिए सेना ने एलओसी के पास के गांवों से मीडिया को दूर कर दिया था। गौरतलब है कि सेना की ओर से कहा गया था कि 28-29 सितंबर की रात को सर्जिकल स्ट्राइक को अंजाम दिया गया। इसमें कहा गया कि सेना ने एक ही बार स्ट्राइक की थी। सेना ने मारे गए आतंकियों की संख्या भी नहीं बताई थी। हालांकि अलग-अलग मीडिया रिपोर्ट में दावा किया गया कि 50 के करीब आतंकी मारे गए। इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के अनुसार मारे गए आतंकियों का आंकड़ा कम हो सकता है।
इसके अनुसार चश्मदीदों का मानना है कि मारे गए आतंकियों की संख्या 38 से कम होगी और नुकसान भी बहुत कम हुआ होगा। दरअसल, उन चश्मदीदों के कुछ रिश्तेदार भारत की तरफ रहते हैं। उनकी मदद से ही इंडियन एक्सप्रेस उनसे बात करने में सक्षम हुआ। चश्मदीदों ने उन जगहों का भी जिक्र किया जहां पर सर्जिकल स्ट्राइक हुई थीं। इंडियन एक्सप्रेस ने कुल पांच लोगों ने इस बारे में बात की।
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