नॉर्थईस्ट के कई आतंकी संगठनों पर भारत और म्यांमार की सेना ने बड़ा प्रहार किया है। दोनों देशों की सेनाओं ने मिलकर अपनी-अपनी सीमाओं में सैन्य ऑपरेशन चलाया। इस अभियान में म्यांमार के अंदर स्थित आतंकियों के कई कैंप तबाह कर दिए गए। इसके अलावा, भाग रहे आतंकियों को भारतीय सुरक्षाबलों ने धर दबोचा। इस मिशन को ‘ऑपरेशन सनशाइन-2’ नाम दिया गया था। यह सैन्य अभियान 16 मई से लेकर 18 जून के बीच चलाया गया। माना जा रहा है कि इस ऐक्शन की वजह से नॉर्थ ईस्ट क्षेत्र में पांव पसार चुके उग्रवाद को तगड़ा झटका लगा है।
भारतीय सीमा के अंदर इस ऑपरेशन में इंडियन आर्मी के दो बटालियन के अलावा स्पेशल फोर्सेज, असम राइफल्स और घातक इन्फेंट्री के जवान शामिल थे। वहीं, म्यांमार की सेना के चार ब्रिगेड भी आतंकियों के सफाए में शामिल हुए। बता दें कि इससे पहले, इसी साल 22 से 26 फरवरी के बीच ‘ऑपरेशन सनशाइन-1’ ऑपरेशन चलाया गया था। उस वक्त भारतीय सेना ने भारतीय क्षेत्र के अंदर संदिग्ध अराकान विद्रोही कैंपों के खिलाफ ऐक्शन लिया था। भारतीय सेना की कार्रवाई के बाद भाग रहे विद्रोहियों को म्यांमार की सेना ने अपनी तरफ गिरफ्तार कर लिया था।
उधर, ‘ऑपरेशन सनशाइन-2’ के तहत भारतीय सेना ने करीब 70 से 80 आतंकियों को पकड़ा। इन्हें स्थानीय पुलिस को सौंप दिया गया। सूत्रों के मुताबिक, ‘ऑपरेशन सनशाइन-2’ के तहत NSCN-K के कम से कम सात से आठ कैंपों के अलावा उल्फा, केएलओ, एनईएफटी के ठिकानों को म्यांमार सेना ने बर्बाद कर दिया। एक सरकारी अधिकारी ने इस जॉइंट ऑपरेशन को बेहद कामयाब बताया है। अफसर ने द संडे एक्सप्रेस से बातचीत में बताया कि यह मिशन दोनों देशों की सेनाओं के बीच तालमेल के साथ अंजाम दिया गया। उन्होंने कहा कि ‘ऑपरेशन सनशाइन-1’ के दौरान दोनों देशों की सेनाओं के बीच पैदा हुए भरोसे की वजह से इस बार का मिशन कामयाब रहा। अधिकारी के मुताबिक, 2015 में भारतीय सेना द्वारा आतंकी संगठन NSCN-K के खिलाफ सीमा के पार चलाए गए अभियान की वजह से म्यांमार सेना में नाराजगी थी, लेकिन मिलकर चलाए गए अभियान से अब पिछली बातें खत्म हो चुकी हैं।