इंडियन आर्मी की नई एचआर पॉलिसी (HR Policy) के तहत आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस, रोबोटिक्स और ड्रोन जैसी विशिष्ट तकनीकों में विशेषज्ञता (Specialization) रखने वाले सेना अधिकारी अब कमांड असाइनमेंट के लिए तैनात होने के बजाय कर्नल के पद पर पदोन्नति पर उसी डोमेन में बने रह सकते हैं।
इंडियन एक्सप्रेस ने सूत्रों के हवाले से बताया कि सेना एक नई एचआर पॉलिसी लाई है जिसके तहत कर्नल के पद पर प्रमोट किए गए लेफ्टिनेंट कर्नल अपनी मर्जी से अपनी विशेषज्ञता के क्षेत्र में बने रह सकते हैं।
नई एचआर पॉलिसी के तहत यह अंतरिक्ष, सूचना प्रौद्योगिकी, नैनो प्रौद्योगिकी, हथियार आदि जैसे विशिष्ट क्षेत्रों के साथ-साथ सूचना संचालन, विशिष्ट भाषाओं और अन्य महत्वपूर्ण परियोजनाओं में विशेषज्ञता वाले अधिकारियों के लिए भी लागू होगा।
क्या है उद्देश्य?
सूत्रों के अनुसार इसका उद्देश्य सेना में डोमेन विशेषज्ञता को बढ़ावा देना है। हालांकि ऐसे अधिकारी जो अपने चयनित डोमेन में बने रहना चुनते हैं, उन्हें कमांड असाइनमेंट छोड़ना होगा। वे बाद के कैरियर पाठ्यक्रमों जैसे वरिष्ठ कमांड, उच्च कमांड या समकक्ष पाठ्यक्रमों के लिए भी पात्र नहीं होंगे।
नीति के तहत एक अधिकारी दो साल तक अपनी विशेषज्ञता के क्षेत्र में रहेगा, जिसके बाद अधिकारियों का एक बोर्ड प्रदर्शन और संगठनात्मक आवश्यकताओं के आधार पर आगे के विस्तार पर निर्णय लेगा। यदि विस्तार नहीं किया गया, तो अधिकारी को कर्नल के रूप में अन्य स्टाफ भूमिकाएँ सौंपी जाएंगी। पॉलिसी में यह भी कहा गया है कि अधिकारियों को उनकी योग्यता के अनुसार कर्नल रैंक के लिए अनुमोदित किया जाना चाहिए।
एक अधिकारी कहते हैं, “यह बात सही है कि यह पॉलिसी अधिकारियों को अपने हुनर को विकसित करने और एक खास क्षेत्र में बढ़ोतरी हासिल करने का अवसर प्रदान करेगी, लेकिन यह उन्हें भविष्य में किसी भी प्रमोशन से रोक देगी।” अधिकारी ने कहा, “ऐसे अधिकारी विशिष्ट क्षेत्र में कार्यरत रहेंगे और केवल चयनित क्षेत्र में अध्ययन अवकाश या प्रतिनियुक्ति के लिए भी पात्र होंगे।”