भारतीय सेना ने एक रिपोर्ट को पूरी तरह गलत बताया है, जिसमें कहा गया था कि जैसलमेर में आयोजित सेना कमांडरों के सम्मेलन में अग्निवीरों की संख्या 25 प्रतिशत से बढ़ाकर 75 प्रतिशत करने पर चर्चा होनी थी। सेना के प्रवक्ता ने यह प्रतिक्रिया गुरुवार को इंडियन एक्सप्रेस में छपी रिपोर्ट पर दी है। इसमें कहा गया था कि जैसलमेर में सेना कमांडरों के सम्मेलन के एजेंडे में यह मुद्दा शामिल है। सेना के प्रवक्ता स्पष्ट किया कि यह रिपोर्ट “बिल्कुल गलत” है और सम्मेलन में जो मुद्दे चर्चा के लिए थे, वह रिपोर्ट में बताए गए विषयों से मेल नहीं खाते।
कमांडरों के सम्मेलन के विषय गोपनीय रहते हैं
सेना के जनसंपर्क अधिकारी कर्नल निशांत अरविंद ने बताया कि सेना कमांडरों का यह सम्मेलन एक बंद कमरे में होने वाला विशेष मंच है। यहां राष्ट्रीय सुरक्षा और संचालन तैयारियों से जुड़े संवेदनशील और गोपनीय मामलों पर उच्च स्तर पर विचार-विमर्श किया जाता है। प्रवक्ता ने दोहराया कि अग्निवीरों की संख्या बढ़ाने जैसे किसी भी मुद्दे पर इस सम्मेलन में कोई आधिकारिक चर्चा निर्धारित या आयोजित नहीं की गई।
अखबार की रिपोर्ट में कहा गया था कि सम्मेलन में अग्निवीरों की संख्या बढ़ाने का प्रस्ताव, तीनों सेनाओं के बीच सहयोग बढ़ाने के उपाय और मिशन सुदर्शन चक्र की समीक्षा शामिल हो सकती है। लेकिन सेना ने इसे खारिज कर दिया है।
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इससे पहले 14 अगस्त को इंडियन एक्सप्रेस ने बताया था कि सशस्त्र बल अग्निपथ योजना के पुनर्मूल्यांकन पर चर्चा कर रहे हैं ताकि सेना में प्रशिक्षित और तकनीकी रूप से सक्षम जवानों का सही अनुपात और कम उम्र वाले सैनिकों की जरूरत पूरी हो सके।
मई में ऑपरेशन सिंदूर के बाद यह पहला सेना कमांडरों का सम्मेलन है। यह सम्मेलन सेना के वरिष्ठ अधिकारियों को देश की सुरक्षा स्थिति की समीक्षा करने और नई चुनौतियों से निपटने के लिए प्राथमिकताओं पर विचार करने का अवसर देता है।
