Indian Air Force Aerial Strike:  26 फरवरी को पाकिस्तान की सुबह कभी ना भूलने वाली रही। पुलवामा हमले के बाद भारतीय वायुसेना ने पाकिस्तान के बालाकोट में 1000 किलो बम गिराए और कम से कम 300 आतंकियों को मार गिराया। इसके अलावा भारतीय वायुसेना ने जैश ए मुहम्मद के कई ठिकानों को भी तबाह कर दिया। भारत ने 12 जेट विमान मिग-2000 की मदद से इस एयर स्ट्राइक को अंजाम दिया।इस हमले में ‘नेत्र’ ने भी अहम भूमिका निभाई। भारतीय विमान मिराज को नेत्र के जरिए ही निर्देश मिल रहा था जिसके जरिए मिग विमान एलओसी से 80 किलोमीटर बालाकोट तक चले गए और जैश ए मुहम्मद के आतंकी ठिकानों पर हमला किया।

दरअसल, ‘नेत्र’ स्वदेश में विकसित एयरबोर्न अर्ली वॉर्निंग एंड कंट्रोल सिस्टम है जिसकी मदद से विमान को निर्देश मिलते हैं। इसकी मदद से दुश्मन को , हवा जमीन और समुद्र में भी ढ़ूढ निकाला जा सकता है।इतना ही नहीं इसके मदद से पायलट को अपनी ओर आती मिसाइलों का भी पता चल जाता है। इसे डीआरडीओ के वाज्ञानिकों ने विकसित किया है। नेत्र की मदद से बिना सीमा पार किए 450-500 किलोमीटर तक की दूरी तक के दुश्मनों पर निशाना लगाया जा सकता है। नेत्र की खासियत यह भी है कि यह सिर्फ दुश्मों की पहचान ही नहीं कर सकता बल्कि दुश्मनो के बीच की बातचीत भी सुन सकता है।

भारतीय वायुसेना को दो नेत्र  विमान दिए जा चुके हैं। जबकि तीसरा विमान भी मिलने की प्रक्रिया में है। साल 2017 में भारतीय वायुसेना को यह विमान सौंपा गया था। 2007 में  2,460 करोड़ के बजट के साथ इसकी शुरुआत की गई थी।  डीआरडीओ के पूर्व प्रमुख  एस क्रिसटोफर का कहना है कि नेत्र को तैयार करने में लगे खर्चे वसूल हो गया है। यह विमान पांच घंटे तक उड़ान भर सकता है इतना ही नहीं इस विमान में हवा से हवा में ईंधन भी भरा जा सकता है। बता दें कि भारत ने लेह और श्रीनगर जैसी ऊंची दजगहों से भी विमान का परीक्षण किया है।