भारतीय सेना की सीमा पार पाक अधिकृत कश्मीर में सर्जिकल स्ट्राइक ने पाकिस्तान को गहरी चोट पहुंचाई है। इससे न केवल पाक को हिला दिया है बल्कि पाकिस्तानी सेना और लश्कर ए तैयबा के आतंकियों के बीच दरार पैदा कर दी है। अंग्रेजी न्यूज चैनल इंडिया टुडे की रिपोर्ट ने इंटेलिजेंस सूत्रों के हवाले से बताया कि सर्जिकल स्ट्राइक के बाद सेना ने आतंकियों के शवों को हटाने के बजाय पहले अपने साथियों के शव हटाए इससे लश्कर का कैडर नाराज है। पाक सेना ने हमले के बाद घायल और मारे गए सैनिकों को पहले वहां से निकाला। लश्कर के आतंकियों को अंधेरा होने के बाद ऐसा करने दिया गया। बताया जाता है कि दोयम दर्जे के बर्ताव से लश्कर के कैडर में अंसतोष है।
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इससे पहले हाफिज सईद और सैयद सलाहुद्दीन ने इस्लामाबाद से अपने ठिकाने को लाहौर में शिफ्ट कर लिया। उन्हें डर था कि पाकिस्तान की राजधानी के पास भारत की ओर से जवाबी कार्रवाई हो सकती है। सादे कपड़ों में पाकिस्तानी सेना के कमांडो उन्हें सुरक्षा मुहैया करा रहे हैं। इसके अलावा सर्जिकल स्ट्राइक के बाद पाकिस्तानी सेना ने आतंकी लॉन्चपैड को लाइन ऑफ कंट्रोल से 7-8 किलोमीटर दूर शिफ्ट कर दिया।सूत्रों के हवाले से कहा गया कि सर्जिकल स्ट्राइक से यह संदेश गया है कि भारत हमला होने की स्थिति में वापस जवाब दे देगा। इससे पाकिस्तान की ओर से होने वाली हमलावर गतिविधियों में कमी देखने को मिल रही है।
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रिपोर्ट के अनुसार, ‘पाकिस्तान अब जानता है कि लक्ष्मण रेखा पार की जा चुकी है। इससे पहले आतंकी हमला होने पर भारत बातचीत रोक लेता था और कुछ समय बाद फिर से बातचीत शुरू हो जाती थी। अब पाक जानता है कि आतंकी हमला होने पर भारत की ओर से बड़ी सजा दी जाएगी।’ भारतीय सेना द्वारा नियंत्रण रेखा (एलओसी) के पार आतंकी ठिकानों पर की गई सर्जिकल स्ट्राइक में आतंकी संगठन लश्कर ए तैयबा को अधिकतम नुकसान पहुंचा। खुफिया एजेंसियों द्वारा पकड़ी गई बातचीत संबंधित आकलन रिपोर्ट के मुताबिक लश्कर के लगभग 20 आतंकवादी मारे गए। सर्जिकल स्ट्राइक की जानकारी रखने वाले सूत्रों के अनुसार भारतीय सेना की फील्ड यूनिटों से उपलब्ध आकलन रिपोर्ट में विभिन्न पाकिस्तानी प्रतिष्ठानों के बीच हुई रेडियो बातचीत शामिल है।