India Slammed Pakistan: भारत-पाकिस्तान के बीच तनावपूर्ण हालातों के बीच अब एक बार फिर भारत ने पड़ोसी को वैश्विक पटल पर आईना दिखाया है। मानवाधिकार परिषद के 60वें सत्र में जिनेवा स्थित भारत के स्थायी मिशन के सलाहकार क्षितिज त्यागी ने आतंकवाद के एक्सपोर्ट का सवाल उठाया। उन्होंने भड़काऊ बयानों के दुरुपयोग की बात करते हुए यह भी कहा कि पाकिस्तान को अवैध कब्जे वाले कश्मीर को खाली कर देना चाहिए।
भारत के प्रतिनिधि क्षितिज त्यागी ने यूएनएचआरसी के मंच पर कहा कि यहां एक प्रतिनिधिमंडल भारत के विरुद्ध निराधार और भड़काऊ बयानों से दुरुपयोग कर रहा है। हमारे क्षेत्र पर लालच करने के बजाय, उन्हें अपने अवैध कब्जे वाले भारतीय क्षेत्र को खाली कर देना चाहिए।
पाकिस्तान की बर्बादी का हुआ उल्लेख
भारतीय प्रतिनिधि ने कहा कि यह एक ऐसा मुल्क है जिसकी अर्थव्यवस्था लाइफ सपोर्ट सिस्टम पर है। इसके अलावा इस सैन्य प्रभुत्व से जकड़ी राजनीति और उत्पीड़न से दागदार मानवाधिकार रिकॉर्ड को सुधारने पर ध्यान देना चाहिए।
उन्होंने कहा कि शायद वो ये सारे काम तब करेगा जब उन्हें आतंकवाद का निर्यात करने, संयुक्त राष्ट्र द्वारा प्रतिबंधित आतंकवादियों को पनाह देने और अपने ही लोगों पर बमबारी करने से फुर्सत मिले।
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मानवाधिकार के लिए कुछ खास देशों पर ध्यान…
क्षितिज त्यागी ने यह भी कहा कि भारत इस बात पर पुनः ज़ोर देता है कि परिषद को अपने दृष्टिकोण में सार्वभौमिक, वस्तुनिष्ठ और गैर-चयनात्मक बने रहना चाहिए। हमारे सामूहिक प्रयासों से एकता और रचनात्मक जुड़ाव को बढ़ावा मिलना चाहिए, न कि विभाजन को। उन्होंने कहा कि हम देश-विशिष्ट अधिदेशों के निरंतर प्रसार से चिंतित हैं। परिषद के मूल अधिदेश को आगे बढ़ाने के बजाय, ये पक्षपात और चयनात्मकता की धारणाओं को मज़बूत करते हैं। केवल कुछ देशों में मानवाधिकारों की स्थिति पर ही ध्यान केंद्रित करने से हम दुनिया के सामने मौजूद तात्कालिक और साझा चुनौतियों से विचलित हो जाते हैं।
उन्होंने कहा कि हमारा दृढ़ विश्वास है कि स्थायी प्रगति केवल संवाद, सहयोग और क्षमता निर्माण के माध्यम से ही प्राप्त की जा सकती है – हमेशा संबंधित राज्य की सहमति से। ऐसे समय में जब दुनिया कई संकटों से जूझ रही है, परिषद का काम एक गैर-राजनीतिक और दूरदर्शी दृष्टिकोण के माध्यम से आम सहमति बनाने की दिशा में केंद्रित होना चाहिए।
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