न्यूक्लियर सप्लायर्स ग्रुप (NSG) में पक्की सदस्यता लेने में भारत भले ही कामयाब ना हो पाया हो, पर हमें मिसाइल टेक्नॉलोजी कंट्रोल रिजीम (MTCR) में एंट्री मिल गई है। इसमें शामिल होने की सारी प्रक्रिया को भारत ने सोमवार को पूरा कर लिया। यह NSG समेत उन चार बड़े संगठनों में से एक है जिसमें शामिल होने के लिए भारत कई सालों से प्रयास कर रहा है।

विदेश सचिव एस जयशंकर नेे सोमवार (27 जून) को इससे जुड़े दस्तावेजों पर साइन किए। भारत के MTCR में शामिल होने वाले कार्यक्रम में फ्रांस, नीदरलैंड और लक्‍जमबर्ग के दूत शामिल हुए। इस कार्यक्रम में ग्रुप के पिछले कामों पर बातचीत के साथ-साथ आने वाले वक्त के लिए भी रणनीति तैयार की जाएगी।

भारत इस ग्रुप में शामिल होने के लिए 2008 से कोशिश कर रहा है। तब भारत और यूएस के बीच परमाणु करार हुआ था। भारत जिन चार समूहों का हिस्सा बनना चाहता है उसमें MTCR के अलावा, NSG, Australia Group और Wassenaar Arrangement शामिल हैं। फिलहाल भारत को MTCR में ही सफलता मिली है।

Read AlsoMTCR में भारत की एंट्री, TWITTER पर NARENDRA MODI की कुछ इस तरह हो रही तारीफ

भारत को इस ग्रुप में शामिल होने में वक्त इटली की वजह से लगा। दरअसल इटली के दो मरीन पर भारत के दो मछुआरों को मारने का आरोप लगा था। इसके बाद सल्वातोरे गिरोने और मासीमिलियानो लातोरे नाम के उन दोनों मरीन पर केस चल रहा था। इसपर इटली भारत से नाराज था। जैसे ही भारत ने उनकी नावों को इटली वापस भेज दिया तब इटली भारत को सदस्यता देने के लिए राजी हो गया।

[show_pro_kabaddi_scorecard id=654]

यह होगा फायदा: MTCR में शामिल होने से भारत उच्‍चस्‍तरीय मिसाइल तकनीक खरीद सकेगा। साथ ही इससे आतंरिक सुरक्षा के लिए सर्विलांस ड्रोन्‍स भी खरीदे जा सकेंगे। भारत अभी रूस के साथ मिलकर सुपरसोनिक क्रूज मिसाइज ‘ब्रहमोस’ बनाता है ताकि उसे अन्‍य देशों को बेचा जा सके। MTCR का सदस्‍य बनने पर भारत को कुछ नियमों का पालन करना पड़ेगा जैसे अधिकतम 300 किलोमीटर से कम रेंज वाली मिसाइल बनाना, ताकि हथियारों की होड़ को रोका जा सके।

Read Alsoमिसाइल तकनीक वाले खास देशों के ग्रुप में भारत की एंट्री: टि्वटर पर मोदी की जमकर तारीफ, ट्रेंड में

34 सदस्‍यों वाले इस समूह में भारत को शामिल करने का फैसला अप्रैल के अंत में हुआ था। यह पीएम मोदी और ओबामा की मुलाकात से ठीक पहले का वक्त था।