भारत ने चीन को दो टूक संदेश दे दिया है कि भारतीय सेना अब पैंगोंग लेक के इलाके से पीछे नहीं हटेगी। गौरतलब है कि दोनों ही देश लद्दाख से लगी सीमा पर तनाव कम करने के लिए बातचीत कर रहे हैं। अब तक दोनों सेनाओं के बीच कोर कमांडर स्तर की कई बैठकें हो चुकी हैं। चीन ने इसमें घुसपैठ वाले इलाकों से पीछे हटने का वादा किया था। हालांकि, गलवान घाटी के अलावा चीनी सेना ने अभी तक अपनी बात पूरी नहीं की है। ऐसे में भारत ने भी अब पैंगोंग से पीछे हटने की मांग ठुकरा दी है।
दरअसल, चीन चाहता था कि भारत पैंगोंग सो इलाके में फिंगर-3 में मौजूद धन सिंह थापा पोस्ट से अपनी सेना पीछे कर ले। इसके बदले चीनी सेना ने फिंगर-8 तक जाने की बात कही थी। हालांकि, चीन की दावों से पलटने की आदत को देखते हुए अब भारत ने इस क्षेत्र से पीछे हटने से इनकार कर दिया है।
बता दें कि पिछली कमांडर स्तर की वार्ता में भारत ने चीन से पैंगोंग इलाके से पीछे हटने के लिए कहा था। इसके अलावा भारत ने गोगरा क्षेत्र में पीपी-17ए और डेप्सांग में चीनी घुसपैठ का मुद्दा भी उठाया था। पैंगोंग में भारत लगातार चीन से फिंगर-4 छोड़कर फिंगर-8 पर जाने का दबाव बना रहा है। गौरतलब है कि भारत फिंगर-8 को ही एलएसी मानता है। लेकिन चीन फिंगर-2 तक अपना दावा करता है। फिलहाल चीन ने इस पूरे इलाके में कुछ अस्थायी निर्माण भी कर लिए हैं।
इससे पहले भारतीय सेना के एक उच्च सैन्य अधिकारी ने साफ किया था कि लद्दाख स्थित विवादित सीमा पर सेना तब तक क्षमता बढ़ाती रहेगी, जब तक टकराव वाले क्षेत्रों से सैनिकों को दूर नहीं कर लिया जाता। चीन की तरफ से पहले ही कहा जा चुका है कि ज्यादातर लोकेशन पर सेनाएं तनाव कम करने के लिए एक-दूसरे से कुछ दूर हुई हैं। लेकिन भारत उसके इस दावे को नकार चुका है।
सर्दियों में भी लद्दाख स्थित एलएसी पर तैनात रह सकती है भारतीय सेना
सैन्य अधिकारियों ने यहां तक कहा है कि अगर जरूरत पड़ी तो सर्दियों में सैनिकों की तैनाती के लिए भी रसद और जरूरत के सामानों के इंतजाम किए जा रहे हैं। एक अन्य अफसर ने कहा कि लद्दाख में कम से कम एक अतिरिक्त डिवीजन को हर तरह की परिस्थिति के लिए रखा ही जाएगा। उन्होंने चीनी गतिविधियों के हिसाब से अतिरिक्त टुकड़ियों की तैनाती की बात से भी इनकार नहीं किया।