पहलगाम आतंकी हमले में 26 निर्दोष भारतीय नागरिकों की मौत हुई। इस हमले के पीछे पाकिस्तान का हाथ माना जा रहा है और भारत ने सख्त कदम उठाते हुए सिंधु नदी जल समझौते को स्थगित कर दिया है। पूरा देश भारत सरकार की कार्रवाई का एक सुर में समर्थन कर रहा है लेकिन जमीयत-उलेमा-ए- हिंद के अध्यक्ष मौलाना अरशद मदनी ने इसको लेकर बड़ा बयान दिया है। उन्होंने सवाल किया आपने पानी तो रोक दिया है लेकिन उनका पानी कहां लेकर जाएंगे?
नियम प्रेम का होना चाहिए, न कि नफरत का- मदनी
सरकार द्वारा सिंधु जल संधि को स्थगित करने पर पत्रकारों से बात करते हुए अरशद मदनी ने कहा, “अगर कोई पानी रोकता है तो रोकने दो। ये नदियां हजारों सालों से बह रही हैं, आप उनका पानी कहां ले जाएंगे? यह आसान नहीं है। मुझे लगता है कि नियम प्रेम का होना चाहिए, न कि नफरत का। मैं मुसलमान हूं, मैं अपनी जिंदगी यहीं इस देश में बिता रहा हूं और मैं जानता हूं कि यहां जिन चीजों को बढ़ावा दिया जा रहा है, वे देश के लिए ठीक नहीं हैं।”
मौलाना अरशद मदनी ने कहा कि देश में ऐसा माहौल है कि एक दिन ऐसा आएगा जब यहां पर हिंदू और मुस्लिमों के लिए सांस लेना मुश्किल हो जाएगा। उन्होंने कहा कि शायद तब मैं जिंदा ना रहूं क्योंकि मैं बूढ़ा आदमी हूं लेकिन एक समय ऐसा आ जाएगा कि दुनिया कहेगी कि बाबा मुसीबत से डरो।
जमीयत उलेमा ए हिंद ने रविवार को एक प्रस्ताव पास किया और पहलगाम आतंकी हमले की निंदा की। इसके अलावा जमीयत ने कहा कि वह सरकार के हर कदम का समर्थन करता है। हालांकि मीडिया से बातचीत के दौरान अरशद मदनी ने कहा कि अगर जंग हुई तो तबाही आएगी क्योंकि भारत और पाकिस्तान दोनों एटमी मुल्क है। उन्होंने कहा कि अगर जंग हुआ तो भारत के रुपये की कीमत जमीन पर आ जाएगी।
मौलाना मदनी ने कहा कि जिन्होंने भी पहलगाम आतंकी हमले को अंजाम दिया है, उन्हें सख्त सजा मिलनी चाहिए। उन्होंने कहा कि जो भी आतंकी हमला करते हैं वह जाहिल हैं क्योंकि इस्लाम इसकी इजाजत नहीं देता।