भारत-पाकिस्तान सीमा पर बढ़ते तनाव के बीच दोनों देशों के डायरेक्टर जनरल ऑफ मिलिट्री ऑपरेशंस (DGMO) ने बुधवार को हॉटलाइन पर बातचीत की। दो दिन पहले पाकिस्तान सेना द्वारा तीन भारतीय सैनिकों की हत्या कर दी गई थी। शहीद हुए तीन सैनिकों में से एक सैनिक के शव को क्षत-विक्षत भी किया गया था। इसकी हमले की जवाबी कार्रवाई में पाकिस्तान के तीन सैनिक मारे गए । इसी हमले को ध्यान में रखते हुए पाकिस्तान के डीजीएमओ ने भारतीय डीजीएमओ से बात करने का अनुरोध किया। पाकिस्तान के अनुरोध को स्वीकार करते हुए भारत के डीजीएमओ लेफ्टिनेंट जनरल रणबीर सिंह ने बुधवार शाम 6 बजकर 30 मिनट पर पाकिस्तान के डीजीएमओ से बातचीत की।

पाकिस्तानी सेना ने बुधवार को कहा नियंत्रण रेखा पर भारतीय सैनिकों के साथ गोलीबारी में कथित रूप से उसके तीन सैनिकों सहित सात लोग मारे गए जिसके साथ पिछले हफ्ते से इस तरह की घटनाओं में मरने वाले लोगों की संख्या 14 हो गई। पाकिस्तानी सेना ने कहा, ‘तीन पाकिस्तानी सैनिकों ने बिना किसी उकसावे के भारत द्वारा की गई गोलीबारी का जवाब देते हुए नियंत्रण रेखा पर बहादुरी से अपने जान की कुर्बानी दी।’ मारे गए सैनिकों की पहचान कैप्टन तैमूर अली खान, हवलदार मुश्ताक हुसैन और लांस नायक गुलाम हुसैन के रूप में हुई है। बयान में यह भी दावा किया गया कि जवाबी गोलीबारी में सात भारतीय सैनिक मारे गए। इससे पहले पाकिस्तानी सेना ने एक बयान में कहा कि नीलम घाटी में धुदनियाल के पास गोलाबारी में चार आम लोग मारे गए। पाकिस्तान ने डीजीएमओ-स्तरीय वार्ता के लिए भी अनुरोध किया है। भारतीय डीजीएमओ ने पाकिस्तान के आम नागरिकों के मरने पर दुख प्रकट किया।

हालांकि मीडिया की खबरों में कहा गया कि भारतीय सैनिकों की कथित गोलीबारी में बुधवार को करीब दस आम नागरिक मारे गए। दूसरी तरफ पाकिस्तान ने मंगलवार को इस आरोप को ‘गलत’ और ‘बेबुनियाद’ करार देकर खारिज कर दिया कि पाकिस्तानी सैनिकों ने नियंत्रण रेखा के पार किए गए एक हमले में एक भारतीय सैनिक के शव को क्षत-विक्षत कर दिया। विदेश विभाग के प्रवक्ता नफीस जकारिया ने कई ट्वीट कर कहा कि भारतीय सैनिक के शव को क्षत-विक्षत करने की खबरों का मकसद पाकिस्तान की छवि धूमिल करना है। जकारिया ने कहा था, ‘पाकिस्तान नियंत्रण रेखा पर एक भारतीय सैनिक के शव को कथित तौर पर क्षत-विक्षत करने के बाबत भारतीय मीडिया में आई गलत और बेबुनियाद खबरों को सिरे से खारिज करता है । ये मनगढ़ंत खबरें हैं और पाकिस्तान की छवि धूमिल करने की कोशिश है।’ प्रवक्ता ने कहा कि एक पेशेवर सुरक्षा बल के तौर पर पाकिस्तानी थलसेना किसी ‘अनैतिक और गैर-पेशेवराना हरकत’ में शामिल नहीं है। उन्होंने कहा था कि पाकिस्तानी थलसेना ने कभी ऐसी किसी कार्रवाई का समर्थन नहीं किया।